Sunday, September 4, 2016

कोई भी डगर ना आये नजर...




कश्मकश का तूफ़ान उठा है, जाये इधर के जाये उधर,
सोचते है करे तो करे क्या, कोई भी डगर ना आये नजर...

जिंदगी में एक मोड़ आया है,
लबो की हंसी ये दिल ना जाने कहाँ छोड़ आया है,
ढूंढा बहोत पर, ना है किसी को पता ना है किसी को ख़बर,
सोचते है करे तो करे क्या, कोई भी डगर ना आये नजर...

देख रहे है बीच राह पर इस तलाश में,
जाना है जिस मंज़िल पे, शायद वो मिल जाये इस आश में,
चलते ही जा रहे है, रुके बिना ,कितने थके हुए है मगर,
सोचते है करे तो करे क्या, कोई भी डगर ना आये नजर...  

क्या दरमियाँ है...




कितनी नज़दीकियां है, कितनी दूरियां है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है...

हमने महेसुस कर ली खुशबु तुम्हारी,
तुमने छु ली नजरों से नज़रे हमारी,
फिर भी लबो पे छाई क्युं खामोशियाँ है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है...

मेरे दिल ने सुन ली धड़कने तुम्हारी,
तेरे दिल ने सुन ली धड़कने हमारी,
दो दिलों के बीच ये कैसी मजबूरियाँ है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है...

युं वक़्त के आग़ोश में खो गये हम-तुम,
बिन बोले आँखों से सब केह गये हम-तुम,
अनजाने में दोनों से हुई गुश्ताखीयाँ है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है... 

हाँ ! तु है वो लड़की...




हाँ ! तु है वो लड़की जिसको हमने सोचा था,
खूबसूरत परी दिलकी जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था...

तेरी हर बातें सबसे जुदा है,
जो तुझमे है वो ओर कहाँ है,
खुशबु की रानी, शाम सुहानी,
तुमसे तो ये मौसम जवाँ है,
हाँ ! तु है वो साथी जिसको हमने सोचा था,
मंज़िल मेरे जीवन की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था...

पेहली बरखा की ताज़गी है तु,
हम जो लिखते है वो शायरी है तु,
हर पल जो मुस्काती है वो मुस्कान है तु,
मेरे मन के ख्यालों का अरमान है तु,
हाँ ! तु है वो चाँदनी जिसको हमने सोचा था,
वो रात पूनम की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था...

प्यार नज़र आता है...




तेरी आँखों में मेरा चेहरा नज़र आता है,
तु कहे ना कहे पर इनमें प्यार नज़र आता है...

तुम बताना नहीं चाहती पर ख़ुद भी जानती हो,
भले तुम गुस्सा कर लो पर दिलसे तो हमें ही चाहती हो,
मुझे तो तेरी हर बातों में तेरा इकरार नज़र आता है,
तु कहे ना कहे पर इनमें प्यार नज़र आता है...

प्यार मिलता है बड़ी मुश्किल से,
पर आज तुझे इसकी कदर नहीं हो,
कल तुम ढूंढती फिरोगी उसे,
पर शायद प्यार को तुम्हारी कदर नहीं हो,
तुझमे हमे अपना दिलदार नज़र आता है,
तु कहे ना कहे पर इनमें प्यार नज़र आता है... 

Friday, September 2, 2016

पल पल की बात है...




पल पल की बात है, दिन है कभी रात है,
उस पल हो जाये जुदा, इस पल में जो साथ है...

फूलों के गुलिस्ताँ में काँटे भी होते है,
राहों के लंबे सफर में मोड़ भी होते है,
पतझड़ हो जाये मौसम सुहाना, कभी बहार है,
पल पल की बात है, दिन है कभी रात है,
उस पल हो जाये जुदा, इस पल में जो साथ है...

आँखों में आँसू छुपे है और छुपे कितने सपने,
आये कभी मिलने की रुत, तो कभी बिछड़ते है अपने,
बरसे कभी खुशियों की झड़ी, कभी ग़म की बरसात है,
पल पल की बात है, दिन है कभी रात है,
उस पल हो जाये जुदा, इस पल में जो साथ है...


दिवानी रात हो गई है...





दिवानी रात हो गई है, कुछ ऐसी बात हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...

तुम्हारे हुश्न ने किया हमारे होश पे पड़दा,
हमे मजबूर कर गई ऐ ज़ालिम तेरी हर अदा,
आज अनजाने में जो ग़लती हमारे हाथ हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...

हमारी साँसों में साँस गुल गई आज कुछ इस तरह,
सारी नस-नस में बिजली चल गई आज कुछ इस तरह,
भीग गये हम जो तेरी झुल्फों से बरसात हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...

कैसा ये देखो पागल शमा हो गया है,
हम तुम में जैसे देखो ये भी खो गया है,
आज शबनम  शोला के साथ हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...  

मेरी मुस्कान के सब दीवाने...





सब अपनी लगे सुनाने , मेरे दिल की कोई ना जाने,
मेरी मुस्कान के सब दीवाने, मेरे दर्द को कोई ना जाने...

मेरी खुशियों ने नाता तोड़ा मुझसे,
मेरे अपनों ने मुँह मोड़ा मुझसे,
सब अपने हुए है पराये, कोई मुझको ना पेहचाने,
मेरी मुस्कान के सब दीवाने, मेरे दर्द को कोई ना जाने...

मेरे हालात रूठे है मुझसे ,
सब अरमान तुटे है दिल में,
सब अपनी कही मनवाये, कोई मेरी कही को ना माने,
मेरी मुस्कान के सब दीवाने, मेरे दर्द को कोई ना जाने...