Saturday, November 26, 2016

आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू...




आ जिंदगी मैं तुझसे ये वादा ले लू,
तु भी मुझसे वफ़ा करेगी जितनी मैं तुझसे वफ़ा करू,
रास्ते पे बिछाये हुए हर कांटे पे मैं चल जाऊंगा,
तु भी हिम्मत ना हारेगी, कभी जो मैं बिच में होंसला हारू ...

आसमान की बुलंदियों को छूना है,
जरुरत पड़े तो जलती आग में सुलगना है,
आशाओं का सुरज डुब जाये तो रुकना नहीं है,
उम्मीदों की नयी सुबह में  फिर से उठना है,
राहों के हर मोड़ पे मैं खुद को संभालता जाऊंगा,
तु भी डगमगा ना जायेगी, कभी जो मैं गिर जाऊँ ...

दिल की ख्वाहिशों में नये नये रंग है,
करके तो देखे कैसी रंगीनियाँ होती है,
मंज़िल चाहे कितनी भी मुश्किलों से घिरी हो,
कोशिश करके देखे फिर क्यूँ ना हांसिल होती है,
दरिया के उठते हुए भँवर में मैं तैरता जाऊंगा,
तु भी डुब ना जायेगी, कभी जो मैं थक जाऊँ ...

Sunday, September 4, 2016

कोई भी डगर ना आये नजर...




कश्मकश का तूफ़ान उठा है, जाये इधर के जाये उधर,
सोचते है करे तो करे क्या, कोई भी डगर ना आये नजर...

जिंदगी में एक मोड़ आया है,
लबो की हंसी ये दिल ना जाने कहाँ छोड़ आया है,
ढूंढा बहोत पर, ना है किसी को पता ना है किसी को ख़बर,
सोचते है करे तो करे क्या, कोई भी डगर ना आये नजर...

देख रहे है बीच राह पर इस तलाश में,
जाना है जिस मंज़िल पे, शायद वो मिल जाये इस आश में,
चलते ही जा रहे है, रुके बिना ,कितने थके हुए है मगर,
सोचते है करे तो करे क्या, कोई भी डगर ना आये नजर...  

क्या दरमियाँ है...




कितनी नज़दीकियां है, कितनी दूरियां है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है...

हमने महेसुस कर ली खुशबु तुम्हारी,
तुमने छु ली नजरों से नज़रे हमारी,
फिर भी लबो पे छाई क्युं खामोशियाँ है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है...

मेरे दिल ने सुन ली धड़कने तुम्हारी,
तेरे दिल ने सुन ली धड़कने हमारी,
दो दिलों के बीच ये कैसी मजबूरियाँ है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है...

युं वक़्त के आग़ोश में खो गये हम-तुम,
बिन बोले आँखों से सब केह गये हम-तुम,
अनजाने में दोनों से हुई गुश्ताखीयाँ है,
पास होके भी ना जाने क्या दरमियाँ है... 

हाँ ! तु है वो लड़की...




हाँ ! तु है वो लड़की जिसको हमने सोचा था,
खूबसूरत परी दिलकी जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था...

तेरी हर बातें सबसे जुदा है,
जो तुझमे है वो ओर कहाँ है,
खुशबु की रानी, शाम सुहानी,
तुमसे तो ये मौसम जवाँ है,
हाँ ! तु है वो साथी जिसको हमने सोचा था,
मंज़िल मेरे जीवन की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था...

पेहली बरखा की ताज़गी है तु,
हम जो लिखते है वो शायरी है तु,
हर पल जो मुस्काती है वो मुस्कान है तु,
मेरे मन के ख्यालों का अरमान है तु,
हाँ ! तु है वो चाँदनी जिसको हमने सोचा था,
वो रात पूनम की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था...

प्यार नज़र आता है...




तेरी आँखों में मेरा चेहरा नज़र आता है,
तु कहे ना कहे पर इनमें प्यार नज़र आता है...

तुम बताना नहीं चाहती पर ख़ुद भी जानती हो,
भले तुम गुस्सा कर लो पर दिलसे तो हमें ही चाहती हो,
मुझे तो तेरी हर बातों में तेरा इकरार नज़र आता है,
तु कहे ना कहे पर इनमें प्यार नज़र आता है...

प्यार मिलता है बड़ी मुश्किल से,
पर आज तुझे इसकी कदर नहीं हो,
कल तुम ढूंढती फिरोगी उसे,
पर शायद प्यार को तुम्हारी कदर नहीं हो,
तुझमे हमे अपना दिलदार नज़र आता है,
तु कहे ना कहे पर इनमें प्यार नज़र आता है... 

Friday, September 2, 2016

पल पल की बात है...




पल पल की बात है, दिन है कभी रात है,
उस पल हो जाये जुदा, इस पल में जो साथ है...

फूलों के गुलिस्ताँ में काँटे भी होते है,
राहों के लंबे सफर में मोड़ भी होते है,
पतझड़ हो जाये मौसम सुहाना, कभी बहार है,
पल पल की बात है, दिन है कभी रात है,
उस पल हो जाये जुदा, इस पल में जो साथ है...

आँखों में आँसू छुपे है और छुपे कितने सपने,
आये कभी मिलने की रुत, तो कभी बिछड़ते है अपने,
बरसे कभी खुशियों की झड़ी, कभी ग़म की बरसात है,
पल पल की बात है, दिन है कभी रात है,
उस पल हो जाये जुदा, इस पल में जो साथ है...


दिवानी रात हो गई है...





दिवानी रात हो गई है, कुछ ऐसी बात हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...

तुम्हारे हुश्न ने किया हमारे होश पे पड़दा,
हमे मजबूर कर गई ऐ ज़ालिम तेरी हर अदा,
आज अनजाने में जो ग़लती हमारे हाथ हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...

हमारी साँसों में साँस गुल गई आज कुछ इस तरह,
सारी नस-नस में बिजली चल गई आज कुछ इस तरह,
भीग गये हम जो तेरी झुल्फों से बरसात हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...

कैसा ये देखो पागल शमा हो गया है,
हम तुम में जैसे देखो ये भी खो गया है,
आज शबनम  शोला के साथ हो गई है,
बस मदहोशी में ही हमारी मुलाक़ात हो गई है...  

मेरी मुस्कान के सब दीवाने...





सब अपनी लगे सुनाने , मेरे दिल की कोई ना जाने,
मेरी मुस्कान के सब दीवाने, मेरे दर्द को कोई ना जाने...

मेरी खुशियों ने नाता तोड़ा मुझसे,
मेरे अपनों ने मुँह मोड़ा मुझसे,
सब अपने हुए है पराये, कोई मुझको ना पेहचाने,
मेरी मुस्कान के सब दीवाने, मेरे दर्द को कोई ना जाने...

मेरे हालात रूठे है मुझसे ,
सब अरमान तुटे है दिल में,
सब अपनी कही मनवाये, कोई मेरी कही को ना माने,
मेरी मुस्कान के सब दीवाने, मेरे दर्द को कोई ना जाने...

Wednesday, July 27, 2016

એક વાર તું મારી બની તો જો...




તારા અભિમાન ને મારી લાગણી થી ભીંજવી તો જો,
તારા દિલ ના દરિયા માં પણ ભરતી ના આવી જાય તો કેહજે...

તારી નજર ને મારી આંખો સાથે મેળવી તો જો,
તેમાં તારો જ ખાલી ચેહરો ના દેખાય તો કેહજે...

મારા હૈયા ની સ્પંદન કોઈ વાર સાંભળી તો જો,
તારા જ નામ ની સરગમ ના સંભળાય તો કેહજે...

એક વાર મારા હાથ માં તારો હાથ તો આપી જો,
તારા રસ્તા માં ફૂલો ની જાજમ ના પાથરી દેવ તો કેહજે...

એક વાર મારી બાહોં માં સમાય તો જો,
તારી જિંદગી માં વસંત ના છવાય જાય તો કેહજે...

એક વાર તું મારી બની તો જો,
તારી બધી જ રાત પૂનમ ના બની જાય તો કેહજે...

બસ થોડા ક્ષણો ની જ તો ખુશી જોઈએ છે...




ક્યાં કોઈ ઉંચી જિંદગી જોઈએ છે,
બસ થોડા ક્ષણો ની જ તો ખુશી જોઈએ છે...

વસંત માં ખીલેલા બાગ ની આશા નથી કરતો,
મારા શ્વાસ ને તો બસ એક કળી જોઈએ છે...

અમાસ ના અંધારા છે મન ના દરેક ખૂણે,
પૂનમ કરવા બસ એક ચિનગારી જોઈએ છે...

તું કદર ના કરે તો કઈ નહિ એ દુનિયા,
જૂઠી તો જૂઠી પણ થોડી તસલ્લી જોઈએ છે...

નથી તમન્ના બહુ બધા દોસ્તો ની દિલ માં,
પણ એક સાચી સુખ-દુઃખ ની સાથી જોઈએ છે...

ક્યાં ઈચ્છા રાખું છું કઈ વધારે હે ઈશ્વર,
કમ સે કમ થોડા પળ ની શાંતી જોઈએ છે...

Thursday, July 14, 2016

तु आई है दुनिया में मेरे लिए...




तेरा यौवन है जानु मेरे लिए,
तेरा जोबन है जानु मेरे लिए,
तेरा प्यार है... जानु मेरे लिए,
तु आई है दुनिया में मेरे लिए,
तुझे रब ने भेजा है यहाँ मेरे लिए...

कई रंगो से रंगी तुझे शाम कहुँ,
या चढ़ता नशीला तुझे जाम कहुँ,
तेरा आँखों का दर्पण है मेरे लिए,
तेरा सुन्दर सा तन-मन है मेरे लिए,
तेरा प्यार है... जानु मेरे लिए,
तु आई है दुनिया में मेरे लिए,
तुझे रब ने भेजा है यहाँ मेरे लिए...


तेरी झुल्फों के साये में सोता रहु,
तेरे सपनें सुहाने मैं संजोता रहु,
ये चूड़ी की खनकार है मेरे लिए,
तेरे लब की मुस्कान है मेरे लिए,
तेरा प्यार है... जानु मेरे लिए,
तु आई है दुनिया में मेरे लिए,
तुझे रब ने भेजा है यहाँ मेरे लिए...

तेरे साथ में जिंदगी गुजरती रहे,
कभी मुरझाती तो कभी खिलती रहे,
तेरे रूप की बरसात है मेरे लिए,
तेरे सारे दिन-रात है मेरे लिए,
तेरा प्यार है... जानु मेरे लिए,
तु आई है दुनिया में मेरे लिए,

तुझे रब ने भेजा है यहाँ मेरे लिए...

Sunday, July 10, 2016

कुछ तो लब्ज़ है...




कुछ तो लब्ज़ है जो लब पे आते आते रुक जाते है,
कुछ तो खास है जो हम आज कल बदले से नजर आते है...

मेहकाती है तन्हाइयाँ, दिल पे लाती है बेचैनियाँ,
तेरी यादें,तेरी बातें, वो तेरे खवाबो से सजी राते,
कुछ तो राज़ है जो बिन कहे भी चेहरे से छलक जाते है,
कुछ तो लब्ज़ है जो लब पे आते आते रुक जाते है,
कुछ तो खास है जो हम आज कल बदले से नजर आते है...

मेहसूस करता हु मैं तुमको हर जग़ह,
बन गये हो तुम मेरे जीने की वज़ह,
कुछ तो बात है जो कितने भी भूलने से ना भूल पाते है,
कुछ तो लब्ज़ है जो लब पे आते आते  रुक जाते है,
कुछ तो खास है जो हम आज कल बदले से नजर आते है...

Friday, July 8, 2016

दिल मे जो हसरतें है...





दिल मे जो हसरतें है, पुरी कर दोना,
मन मे जो रातें है, रोशन कर दोना ...

कितनी ख़्वाहिशे बेघर हो चुकी है,
खिल खिल के बिखर चुकी है,
ख़्वाहिशों की जो सौगातें है, कुबूल कर लोना,
दिल मे जो हसरतें है, पुरी कर दोना,
मन मे जो रातें है, रोशन कर दोना ...

सुखी है दिल की ज़मी, सुखा है अाशियाँ,
पतजड़ ही पतजड़ है, बस चारो ओर है वीरानिया,
तुम्हारे प्यार की जो बरसाते है, बरसा दोना,
दिल मे जो हसरतें है, पुरी कर दोना,
मन मे जो रातें है, रोशन कर दोना ...

सपने है अधूरे, बेवज़ह है जिंदगी,
रुकी है हर राहें, रूठी है हंसी,
तुम्हारे करम है, जो इनायते है, कुछ तो कर दोना,
दिल मे जो हसरतें है, पुरी कर दोना,
मन मे जो रातें है, रोशन कर दोना ...

Thursday, June 30, 2016

जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने...




जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

चेहरा है जैसे चाँदनी का दर्पण,
जितनी सुंदर आप है उतना ही सुंदर मन,
नज़रे युं जुकाकर उठा दी आपने,
सारे जहाँ पे रोशनी कर दी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

सारे गुलाबो की लाली इन लबों पे बिखरी है,
सारे बागों की कलियाँ तेरे हुश्न से निखरी है,
मुस्कुराके क्या खता कर दी आपने,
हम पे तो बिजली गिरा दी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

दिल करता है आपको बस सुनते ही जाये,
आपकी आँखो में बस डूबते ही जाये,
चुनरी युं हवा में लेहरा दी आपने,
खुशबू ओ से साँसे मेंहकादी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...




अापकी यादें हमको रुलाती है,
अापकी बातें हमको सताती है,
ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...

वो है मौसम, वो है नज़ारे,
पर उसके रंग बदले है सारे,
वो है चंदा, वो है सितारे,
पर लगते है अाज वो बेनूर सारे,
अांखो से अांसू की धारा बहे जाती है,
कुछ भी करू ये तो रुक भी नहीं पाती है,
ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...

मर जायेंगे हम तो तेरे प्यार मे हमदम,
अब तो नहीं सहा जाये जुदाई का शितम,
राह टकती है तेरी नज़रे ये हर पल,
अा जाओ अब तो तुमको मुहब्बत की कसम,
सांसे ये तुम्हारी खुशबु मेहकाती है,
मेरे दिल की धड़कन तेरा नाम सुनाती है,
ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...

Saturday, June 18, 2016

फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ...




आज फ़िर वोही सवाल आ गया है सामने,
जुबान चुप हो गई, ना मिले कोई जवाब,
फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ...

ना कोई मंजिल जहाँ में, फ़िर भी चले जा रहे है,
ना कोई साथी है, अकेले हर ग़म सहे जा रहे है,
हर कोना खाली पड़ गया मकान में,
फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ...

तसवीर देख के ना समजे क्या छुपा है रंग में,
खुद को भी ना पेहचाने अब तो हम दर्पण में,
पड़दा पड़ गया है अंखियों के आंगन में,
फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ... 

न जाने कौन रंग से रंग दिये...




न जाने कौन रंग से रंग दिये कि निकला ना जाये,
शरमाके मेरा हर अंग जैसे सिमटा सा जाये।

न जाने क्यूँ रे हमरा मन बावला हो गया,
समजाने से लाख़ भी उसके समज में ना आये।

न जाने किस जग़ह, किस घड़ी, दिल पराया हो गया,
अनजाने किस चेहरे का एक पल में दीवाना हो गया।

न जाने क्यूँ मेरे नैनन में निंदिया ना आये,
नज़राने में किसने हमे बैचेनी का तोहफ़ा दे दिया।

न जाने किस जादू से हमरा नज़रिया बंधा जाये,
आयने में आज हमने अपने आपको जुदा पाया।

आती है वो ओर कुछ केहने...




आती है वो ओर कुछ केहने, पर बात कुछ ओर केह जाती है,
आँखे उसकी जो साफ केहती है, पर होठों से कुछ ओर केह जाती है ...

रोज़ केहती है वो हमसे, एक बात केहनी है तुमसे,
फिर एक अदा है उसकी, वो आंहे भरती है जैसे दिल धड़कता है जोर से,
फिर वो केहती है हमसे, जो केहना था वो भूल जाती है,
आती है वो ओर कुछ केहने, पर बात कुछ ओर केह जाती है ...

उसने अभी ये कहा नहीं फिर भी क्या हाल हो गये,
अगर आके केह दे हमसे तो खुशी से जाँ ना खो दिये,
उसकी हर अदा हमको कबसे बेक़रार किये जाती है,
आती है वो ओर कुछ केहने, पर बात कुछ ओर केह जाती है ...

हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई...




तेरी यादों की है पड़छाई,
जिसकी हर बहार तेरी ही खुशबू से महेकाई,
तेरी कर दी जिसने मुझसे जुदाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

तेरी ही बातों में खोया रेहता हुँ मैं हर पल सनम,
तेरी तसवीर को लगाके रखा है दिल से सनम,
जिंदगी की राहों में जिसने कांटो की सेज है बिछाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

तेरे बिना ये दुनिया मुझे अच्छी नहीं लगती,
जो तु ना कहे वो बात हमें सच्ची नहीं लगती,
हर खुशी जिसने बेनूर है बनाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

तेरी ही आवाज़ सुनाई देती है, जैसे तुने मुझको पुकारा है,
तुम मुस्कुराती हुई आई हो आई हो यही एहसास हर पल का नजारा है,
जिससे सारे मौसम में विरानी है छाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

Indian Women




Not the women of China, not the women of England, not the Japanese women,
but the top of the whole this world, attraction of Indian women

A statue of sacrifice, a mine of affection,
gives love inspiration, not other but Indian women

See the style and fashion, not forget their tradition,
always culture preservation, not other but Indian women

Saari and bindiyaa with ornaments, you can't guess words for appreciation,
beauty stops at only this station, not other but Indian women

Aishwarya, Sushmita and Priyanka, make beauty out of imagination,
which honour for all Indians, not other but Indian women

The girl, wife and mother, three faces in face one,
no one can take place of them, not other but Indian women



Friday, June 17, 2016

હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...




વરસાદ ના ઝર-મર છાંટા વરસ્યાં,
ભીની ફોરમ થી ધરતીનાં કણ-કણ મહેક્યાં,
હવે પ્રેમ ની આગ હૈયા માં બળવાની,
હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...

મેઘધનુષ ના રંગો થી છવાયું,
મૌસમ પર કેવું આ નૂર છવાયું,
ઠંડી-ઠંડી લહેરોં લહેરાતી,
તન-મન માં જાણે વીજળી પ્રસરાતી,
ઋત આવી ગઈ સાથ માં ફરવાની,
હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...

મન થાય છે તારી સાથે ભીંજાવું,
તારા ભીના વાળમાંથી મોતી છંટકાવુ,
ગુલાબી હોઠોં પરથી ટીપું જો સરશે,
આ બરખા માં રંગો ની ગુલાબ જો ભળશે,
જિંદગી ને પ્રેમ રંગો માં રંગવાની,
હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...

Wednesday, June 15, 2016

कोई करता नहीं है प्यार...




कोई करता नहीं है प्यार, ये तो बस ऐसे ही हो जाता है,
कोई देता नहीं है करार, ये तो बस ऐसे ही खो जाता है ...

जिंदगी में शायद सबको होता है एक बार,
कोई समज जाता है, कोई समज नहीं  पाता है प्यार,
कोई समजे भूल तो कोई इसको जन्नत समजे यार,
पर हो जाये तो जीना मुश्किल कर देता है यार,
कोई करता नहीं है प्यार, ये तो बस ऐसे ही हो जाता है...

ये तो ऐसा दर्द है जिसकी दवा भी खुद ही है प्यार,
धीरे-धीरे नींद उड़ाके बैचैन कर देता है प्यार,
अपने आप पे किसी ओर का हो जाता है इख्तियार,
उसके मिलने की घडी का हर पल दिल को रेहता है इंतज़ार,
कोई करता नहीं है प्यार, ये तो बस ऐसे ही हो जाता है...

हाँ। तु है वो लड़की...




हाँ। तु है वो लड़की जिसको हमने सोचा था,
खूबसूरत परी दिल की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

तेरी हर बातें सबसे जुदा है,
जो तुझमे है वो ओर कहाँ है,
खुशबु की रानी,शाम सुहानी,
तुमसे तो ये मौसम जवाँ है,
हाँ। तु है वो साथी जिसको हमने सोचा था,
मंज़िल मेरे जीवन की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

पेहली बरखा की ताज़गी है तु,
हम जो लिखते है वो शायरी है तु,
हर पल जो मुस्काती है वो मुस्कान है तु,
मेरे मन के ख़यालो का अरमान है तु,
हाँ। तु है वो चाँदनी जिसको हमने सोचा था,
वो रात पूनम की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

મારા હૈયા ની વાત...




મારા હૈયા ની વાત, કહું હું તુજને આજ રાત,
તારા વિના વિતાવી કેમ રાતડી,
ઈ તો કોઈ ના જાણે, ઈ તો બસ હું જાણું અને જાણે મારી આ આંખડી ...

સેજ ખાલી ખાલી, નીંદર ના આવી મને,
બસ તારી યાદ પલ-પલ આવી મને,
હું તો શું કહું વિચારું, મારા મન ને મનાવું,
બસ પડખા ઓ બદલી વીતી રાતડી,
ઈ તો કોઈ ના જાણે, ઈ તો બસ હું જાણું અને જાણે મારી આ આંખડી ...

મન તો એવું વિચારે તું અબ ઘડી અહીં આવી જાય,
મારી કાળી રાત માં ચાંદની ફૈલાવી જાય,
તું કાલે તો આવશે, બસ કાલ ની જ વાટ માં,
બસ એ જ વિચારે વીતી રાતડી,
ઈ તો કોઈ ના જાણે, ઈ તો બસ હું જાણું અને જાણે મારી આ આંખડી ...

Sunday, June 12, 2016

वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...




हमने देखी नहीं कोई परी या अप्सरा,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी,
हमने देखी नहीं कोई बहारों की मलिका,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...

मोरनी की लचक है तुम्हारी चाल में,
दो जवाँ मस्त डिम्पल है तुम्हारे गाल में,
क्या कहें  हम उस अदा का ऐ गुलबदन,
जब दांतों में दबा के बक्कल तुम डालती हो बाल में,
हमने देखी नहीं कोई रानी या रुखसाना,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...

भवाये उठाके जब तुम बातें करती हो,
लब्ज़ नहीं है तुम कितनी हसीन लगती हो,
कोई भी बाग़ या मेहफ़िल से तुम गुजरती हो,
बस अपने ही रंगो से उसे रंग देती हो,
हमने देखी नहीं कोई रूबी या मलाइका,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...

रब से दुआयें करे...




रब से दुआयें करे, दिल की सदायें कहें,
तु मुझको मिल जाये, बाहों में आ जाये,
इतनी वफाये करें, जी भर के बातें करे ...

जिदंगी में तुमसे ख्वाहिशे मेरी,
आँखे तुम्हारी जन्नते मेरी,
रब इतना करम कर दे, तुझको मेरी कर दे,
फिर ना आंहे भरे, रब से दुआयें करे...

कोई भी सुबह हो कोई भी हो शाम,
लब पे तुम्हारा ही रेहता है नाम,
अब तो आ जाओ, प्यास दिल की बुझा जाओ,
फिर ना वो लम्हा ढले, रब से दुआयें करे ...

ये हुर कहाँ से उतरा है...




सुंदर सा मुखड़ा है, चाँद का टुकड़ा है,
हर कोई ये सोचे है, ये हुर कहाँ से उतरा है...

वो तो शयानी है,सबसे सुहानी है, फूलों की रानी है,
किरणों की ज्योति है, रूप की शहज़ादी है,
हर गली में चर्चा है, ये हुर कहाँ से उतरा है...

एक बार देखे जो कोई उसको वो देखता ही रह जाये,
उसकी तारीफ़ में क्या कहे बस दांतों तले ऊँगली दब जाये,
वक़्त भी वहां ठेहरा है, उसका जहाँ पेहरा है,
सुंदर सा मुखड़ा है, चाँद का टुकड़ा है,
हर कोई ये सोचे है, ये हुर कहाँ से उतरा है...

Saturday, June 11, 2016

पर तु ये बात न जाने ...




हम तो हुए है दीवाने, पर तु ये बात न माने,
तुझसे प्यार इतना कर दा,
तुझपे जीता, तुझपे मर दा,
सारे जग से है बैगाने, पर तु ये बात न जाने ...

नजरे हमारी जाये जिधर, तु ही तु हमको आये नजर,
कोई भी बात हो या कोई हो ज़िकर,
तुझसे शुरू हो तुझपे खतम,
तुझसे प्यार इतना कर दा,
बस तेरी आंहे भर दा,
सबसे हुए है अनजाने, पर तु ये बात न जाने ...

अँखियों में तेरे ख़्वाब बस गये,
लब पे तुम्हारे गीत सज गये,
तुझसे प्यार इतना कर दा,
बस तेरी राहे दिख दा,
हुए मशहूर फ़साने, पर तु ये बात न जाने ...

Sunday, June 5, 2016

સર્જનહારે શું રચના કરી છે સૃષ્ટિ ની...




જ્યાં દ્રષ્ટિ કરો ત્યાં સોનલ જ સોનલ,
સર્જનહારે શું રચના કરી છે સૃષ્ટિ ની,
એક થી ચઢિયાતી એક કૃતિ છે કુદરત ની,
કોઈ દઢ છે કોઈ કોમલ જ કોમલ...

રેશમી વાદળ કેરા વન નો મુલાયમ એહસાસ કરું,
સવારે ધુમ્મસ ની ઓર માં કિરણો ને આર-પાર કરું,
ગુલાબી ગુલાબી વાયરા નો આહલાદક સ્પર્શ,
સાથે પંખી ઓના મધુર કલરવ નો રોમાંચ કરું...

પહાડો પર લીલીછમ જાજમ તો કયાંક બરફ ની ચાદર ઓઢાડી,
નાના-નાના ફુલ છોડ તો ક્યાંક ઊંચા વૃક્ષો ની હારમાળા ઉગાડી,
કેવી રીતે રંગ ભર્યો હશે ચિત્રકારે કોણ જાણે,
પણ જ્યાં જુઓ ત્યાં ભાત-ભાત ના રંગો ની રંગત રંગાડી...

છમા-છમ વરસતા વરસાદ નું આટલું પાણી તે ક્યાંથી લાવ્યા હશે,
ક્યાંક જમીન તો ક્યાંક ઝરણા,નદી,તળાવ તે કેમેક બનાવ્યા હશે,
રંગબેરંગી ઉડતા પંખી તો ક્યાંક તળતા-ચાલતા જાનવર,
આટલી બધી કલાથી તે ક્યા કલાકારે દુનિયા ના બાગ ને શણગાર્યા હશે...

Friday, June 3, 2016

સાક્ષાત માયા...




કેવી રીતે લખીશ, ખબર નથી, કેવી રીતે વર્ણવીશ તે પણ ખબર નથી. પણ I guess કોઈ ના માટે પણ આ કામ મુશ્કેલ છે. તેનું  શબ્દો ના સ્વરૂપ માં આલેખન કરવું આસાન નથી પણ I guess શક્ય જ નથી. 

લજામણી જેવી કાયા માં રાતરાણી ની સુગંધ રેલાવતી મહેક છુપાવી સુંદરતા થી જેનો ખુદ ઈશ્વરે શ્રીંગાર કર્યો અને તેમાં મધ ની મીઠાશ ને ફુલો ની પાંખડી માં મેળવી જેના હોઠો નું સર્જન કરી ને તે કલા-કૃતિ માં પ્રાણ ફૂંક્યો ત્યારે જે રચના બની તે છે આ સાક્ષાત માયા. 

જેના ગાલ પર હળવી ગુલાબી રાતાશ બિખરી હોઈ અને જેનાથી રોજ સાંજ રંગે રેલાતી હોઈ, તે બેઠી હોઈ તો એવું લાગે જાણે કોઈ અદ્ભુત નજારો બનાવી ને બુલબુલ બિરાજમાન હોઈ. દાડમ ના દાણા ને તેના દાંત માં સજાવી ને મોતી ની જેમ વિખેર્યા હોઈ તેવી મુસ્કાન છે તેની. તેના ચાંદની ભરી નૈન માં તેજ ઝળકે ત્યારે આપણી આંખો અંજાય જાય તેવી રોશની થઇ જાય. માસુમ ફુલો ની ડાળીઓ ને તેની આંગળીઓ માં ઢાળી મલાઈદાર હાથો ને નજાકત અર્પી, કોઈ ગુલમહોર ના ઝાડ પર થી ફુલો ની વર્ષા થઇ જાય જયારે તેના રૂપવંતા ચહેરા પર એક મુસ્કાન છવાય. નજર અટકી જાય સૃષ્ટિ ની જ્યાં તે એક પલ માટે થંભી જાય, વાતાવરણ મેંહકી જાય તેની ખુશ્બુ થી જ્યાં થી એક વાર તે પસાર થઇ જાય. કાળી ઘટાઓ ના વન માં રેશમ ની ડોર જેવા તેના ઘના મુલાયમ કેશુ ઓ ની લેહરાતી લેહર માં આખું ગગન ડોલી ને જમીન ને વર્ષા ની ઝડી થી ભીગવી નાખે છે. 
આરસ ના અંગ માં જાણે સુરાહી દાર સ્વરૂપ આપી સર્જનહારે એક અલૌકિક આકૃતિ નું નિર્માણ કર્યું અને તેને સંગીત ના સાત સુર આપી દુનિયા માં પ્રગટ કર્યું તેવી આ શ્રદ્ધા જેવી પાવન, નદી જેવી નિર્મળ, ગુલાબ જેવી કોમળ અને મેઘધનુષ ના રંગો થી રંગાયેલી માદક કમનીય કલ્પના ને માટે કોઈ શબ્દો જ નથી. I guess જેટલું લખીયે તેટલું ઓછું જ છે.  

Tuesday, May 31, 2016

तुम्हे जितनी बार देखे...




तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर हँसी लगती हो,
तेरी हर अदा है पेहले से जुदा, तेरे हुस्न से खुद हैरान है खुदा,
तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर मख़मली लगती हो...

हसती-हसती तुम चलती हो ऐसे,
जंगल में कोई हिरणी चलती हो जैसे,
ठहर ठहर के तुम कुछ केहती हो ऐसे,
कोई सुरीली बीणा बजती हो जैसे,
तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर गुलाबी लगती हो...

काला हो,लाल हो चाहे नीला हो या हरा,
पर तुझपे तो जचता है हर रंग सुनेहरा,
कोई भी ग़ज़ल हो या हो शेरो-शायरी,
तेरे रूप के आगे तो कुछ भी ना ठेहरा,
तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर दिलनशीं लगती हो... 

Sunday, May 29, 2016

हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...




है दीवानापन, ना लागे मन,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है,
कुछ भी करलु मैं, पर ना राहत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...

साँसे आती है,सांसे जाती है,
तेरी खुशबु... मेहकाती है,
लम्हा आता है, लम्हा जाता है,
इन आँखों को भीगे जाता है,
कैसे केह दू मैं, क्या हालत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...

सुबहा होती है, शामे ढलती है,
तेरी यादो में खींचे जाती है,
मेरी रग-रग में तु बेहती है,
दिल की धड़कन को तु धड़काती है,
खुद से खोया हु, कैसी चाहत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...

Saturday, May 28, 2016

તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...




મારા દિવસ ને જુઓ, મારી રાત ને જુઓ,
આ ગરમી ઠંડી ને વરસાદ ને જુઓ,
કરમાયેલું ફુલ જાણે હરખાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...

રોનક હતી ક્યાં આવી સવાર માં,
લાલી હતી ક્યાં આવી સાંજ માં,
તારા હોઠો ની લાલી, તારી મીઠી મુસ્કાન,
પ્રસરી જ્યાં, ત્યાં બધું રંગાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...

ખાલી હતા આ મારા મન ના ઝરણાં,
સૂનાં હતાં મારા અંતર ના ખૂણા,
તારા પ્રેમ ની વર્ષા, તારી જાદુભરી વાણી,
વર્ષી જ્યાં, ત્યાં બધું છલકાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...

રાહ હતી જેની મને તે આજે મારી સાથે છે,
જાણે કોઈ બેનૂર ખજાનો પાસે છે,
તારા રૂપ ની કિરણ, તારી ખુશ્બુ ની લહર ,
ફેલાય જ્યાં, ત્યાં બધું અંજાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...  

कभी झील की खामोश आँखों में देखो...




कभी झील की खामोश आँखों में देखो, केहती है वो कितने ही राज़,
चुपके से बयाँ हो जाये दिल की बात, जरुरी नहीं है लिये आवाज़ ...

जुबाँ है जो धड़कन की  बस एक दिल ही समज पाये,
इशारों  की निशानियाँ है जो प्यार करनेवाला ही समज पाये,
छुपी नहीं रेह शकती छुपाये पायल,वो छनक के कर ही देती है आवाज़,
चुपके से बयाँ हो जाये दिल की बात, जरुरी नहीं है लिये आवाज़ ...

हाथों की चूड़ी खनके तो समजो,
झुक जाये नैन हया से तो समजो,
अफसाना है ये ऐसा की जिसमे,
आये अगर ना तो हाँ समजो,
करते रेहते है हम इन्कार जिनको, भा जाये दिल को उसके ही अंदाज़,
चुपके से बयाँ हो जाये दिल की बात, जरुरी नहीं है लिये आवाज़ ...

Wednesday, May 25, 2016

पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...




पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम,
बूंदों सी गिरती सबनम हो तुम,
मेहकाये मीठी खुशबु जमीं से, छलकाये मोती अपनी हंसी से,
कोई हसीं साज़ की सरगम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...

कोई नगीना है आँखों में तेरे,प्याला शहद का है होठों पे तेरे,
लाल अनार है गालों में तेरे, सावन  छुपा है बालों में तेरे,
तारो की जैसे टीम-टीम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...

दिल चुराये नजरे तुम्हारी, वार करे है बोली तुम्हारी,
ना कोई है, ना कोई होगी, सबसे जुदा है खूबसूरती तुम्हारी,
पायल की जैसे छम-छम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...

Wednesday, May 18, 2016

तुम कितनी खुबसूरत हो ...




अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...

तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...

शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...

Tuesday, May 17, 2016

वो मेरी मेहजबीन है...




कोई चाँद से केह दे कोई उससे भी हसीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

दिल करे बस वो हसती युँ रहे,
वो हसती ही रहे हम उनको देखते रहे,
कोई ताज से केह दे कोई उससे भी बेहतरीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

आँखों की मस्ती, वो शर्म वो हया,
उनकी सारी बातों में दिल डुब सा गया,
कोई फूल से केह दे कोई उससे भी कमसीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

Monday, May 16, 2016

वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा ...




रब कहे मांग लो कुछ भी तो तुम्हें दे दू जहाँ सारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा,
वो शाम की रंगत में चमकता हुआ हुस्न तुम्हारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा ...

वो खुशबु से मेहकता दामन,
चेहरा जैसे चाँद का एक दर्पण,
तेरी सारी बातें सबसे है जुदा,
तेरी हर अदा धड़काती है धड़कन,
तुम सामने बैठे रहो वो क्या खूब हो नज़ारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा...

जिंदगी में देखो ऐसी भी एक रात थी,
वोह साथ थी मेरे जैसे कल की ही बात थी,
वो झील सी आँखे, वो मासूम मुस्कान,
उसके गोरे हाथों में उंगलियां जैसे फूलों की डाल थी,
अब कभी फिर से ऐसा हसीं पल आये ना आये दोबारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा...

Sunday, May 15, 2016

कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...




उगते हुए सूरज की किरणे लायेंगे,
चाँद से चाँदनी छीन लायेंगे,
तू है मेरी जाँ , तू है मेरी तक़दीर,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

मैं हु दीवाना तेरा जाना,
सारी दुनिया से हूँ बेगाना,
तू है मेरी दुनिया, मैं हु तेरी जागीर,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

चल पड़े है हम तेरे रस्ते,
मर जाएंगे हम हसते-हसते,
तू है मेरी राह, तू है मेरी मंज़िल,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

धड़कनो की लय में तेरा नाम धड़कता है,
मेरी रग-रग में तेरा प्यार बेहता है,
बिन तेरे एक पल भी मेरा जीना हैं मुश्किल,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

Sunday, April 24, 2016

कितना अच्छा होता अगर...




कितना अच्छा होता अगर ख्वाब हमारे हक़ीक़त हो जाते,
कितना अच्छा होता अगर आप हमारे अपने हो जाते...

शायद तुम हमारी ख़ामोशी के लब्ज़ को समज जाते,
आँखों की नमी से हमारे प्यार को समज पाते,
कितना अच्छा होता अगर आप बिन कहे भी कुछ समज जाते,
कितना अच्छा होता अगर ख्वाब हमारे हक़ीक़त हो जाते,
कितना अच्छा होता अगर आप हमारे अपने हो जाते...

हम तो हर एक सांस में आपको मेहसूस करते है,
हर एक धड़कन में आपको ही याद करते है,
कितना अच्छा होता अगर आप भी कभी हमको याद कर जाते,
कितना अच्छा होता अगर ख्वाब हमारे हक़ीक़त हो जाते,
कितना अच्छा होता अगर आप हमारे अपने हो जाते...

आँखे खोले तो सामने आपको पाते है,
आँखे बंध करे तो भी आप ही नजर आते है,
कितना अच्छा होता अगर आप भी कभी हमारा दीदार कर जाते,
कितना अच्छा होता अगर ख्वाब हमारे हक़ीक़त हो जाते,
कितना अच्छा होता अगर आप हमारे अपने हो जाते...

तुम से जुड़ चुकी है हर ख़ुशी हमारी,
तुम तो बन गयी हो अब जिंदगी हमारी,
कितना अच्छा होता अगर आप हमारे दिल को पढ़ पाते,
कितना अच्छा होता अगर ख्वाब हमारे हक़ीक़त हो जाते,
कितना अच्छा होता अगर आप हमारे अपने हो जाते... 

Friday, April 22, 2016

लगती हो ऐसी प्यारी...





लगती हो ऐसी प्यारी जैसे नदिया का किनारा,
तुझमे है जवाँ जैसे ताज का मिनारा...

झिलमिलाती रहो तुम तारों की तरहा,
हसती रहो तुम फूलों की तरहा,
गाती रहो तुम कोयल की तरहा,
खिलती रहो तुम कलियों की तरहा,
कोई गेहनो से सजे,कोई करता है श्रृंगार,पर तुझको तो खुद ही रब ने है संवारा,
लगती हो ऐसी प्यारी जैसे नदिया का किनारा,
तुझमे है जवाँ जैसे ताज का मिनारा...

जो दिल से तुम मांगो,वो तुमको मिल जाये,
कोई ग़म की हवा तेरे पास भी ना आये,
तुने सपने जो सजाये वो सारे रंग लाये,
रब करे जिंदगी में तू सदा मुस्कुराये,
कोई ऐसा मिल जाये,तेरी जोड़ी बन जाये, ऐसे लगे जैसे कोई नदिया संग किनारा,
लगती हो ऐसी प्यारी जैसे नदिया का किनारा,
तुझमे है जवाँ जैसे ताज का मिनारा...


Saturday, April 16, 2016

શ્રદ્ધા ની જેમ પાવન છે તું...





નદી માં ખળ-ખળ વહેતા નીર ની જેમ નિર્મળ છે તું,
આંખો ના ખુલતા-બંધ થતા પલકારા ની જેમ ચંચળ છે તું,
તને આરતી કહું કે દીવા ની વાટ કહું,
તને ગુલાબી સવાર કહું કે ચાંદની રાત કહું,
કોઈ ભક્ત ના મન માં વસતી શ્રદ્ધા ની જેમ પાવન છે તું...

તારી આંખો માં રાત ના દરિયા છલકાય,
તારી ખુશબો માં ફુલો ના ગુલદસ્તા મહેકાય,
તને પરી કહું કે તને કહું અપ્સરા,
તને રાની કહું કે તને કહું મલિકા,
કોઈ ફુલ ગુલાબી ગુલાબ ની પંખુડીયો ની જેમ કોમળ છે તું,
નદી માં ખળ-ખળ વહેતા નીર ની જેમ નિર્મળ છે તું...

તારી વાતો માં મોતીઓ ની વર્ષા વરસાય,
તારી મુસ્કાન માં મખમલી તારા બીખરાય,
તને મલાઈ ની ધાર કહું કે વાનગી લજ્જતદાર કહું,
તને પ્રેમ નો રાગ કહું કે રૂપ શ્રીંગાર કહું,
કોઈ ખુબસુરત રંગો થી બનેલી તસવીર ની જેમ સુંદર છે તું,
નદી માં ખળ-ખળ વહેતા નીર ની જેમ નિર્મળ છે તું...

તારા હોઠો માં મધ ની મધુર ધારા રેલાય,
તું સંગે મર-મર ની જાણે પ્રતિમા કહેવાય,
તને નાજુક ડાળ કહું કે લજામણી નાર કહું,
તને વસંતી વેલ કહું કે રાતું અનાર કહું,
કોઈ સુગંધ પાથરતા મોગરા ની જેમ અત્તર છે તું,
નદી માં ખળ-ખળ વહેતા નીર ની જેમ નિર્મળ છે તું...

Monday, April 11, 2016

किसी को भुलाने के लिए सारी जिंदगी चाहिए ...





किसी से प्यार करने के लिए बस एक प्यारी हंसी चाहिए,
पर किसी को भुलाने के लिए सारी जिंदगी चाहिए ...

प्यार कर बैठे हम अगर किसी से,
वो भी दिल हारे हम पे ख़ुशी से,
जिंदगी हमारी युं संवर जाये,
चांदनी से हर रात निखर जाये,
किसी को एतबार दिलाने के लिए बस आँखों में नमी चाहिए,
पर किसी को भुलाने के लिए सारी जिंदगी चाहिए ...

वो अगर तुम्हे ना मिल पाये,
साँसों का चमन तेरा ना खिल पाये,
जी लेंगे हम तो उसके बिना पर,
दिल से कभी उसको हम ना भूल पाये,
किसी से इकरार करने के लिए बस पलके शर्म से झुकी चाहिए,
पर किसी को भुलाने के लिए सारी जिंदगी चाहिए ...

तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...




तेरा हाथ हो मेरे हाथ में तो वो साथ की क्या बात हो,
तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...

तेरी आँखों की मस्ती, मेरा दीवानापन,
तेरी मदहोश साँसे, मेरा बेचैन मन,
ऐसा शमा हो जाये, फिर तो हाय ! वो मुलाक़ात की क्या बात हो,
तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...

तेरी जवानी का शोला मेरी बाहों में पिगले,
सब कुछ भुलाके फिर हम युं गले मिले,
हर प्यास बुझादे हम फिर वो बरसात की क्या बात हो,
तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...

Sunday, April 10, 2016

हम तुम मिलके प्यार की एक तसवीर बनाये...




हम तुम मिलके प्यार की एक तसवीर बनाये,
तेरे दिल से मेरे दिल तक एक लकीर बनाये...

हम जो चाहे , तु जो चाहे,
मुझको जो भाये ,तुझको जो भाये,
तेरे दिल के रंगो से , मेरे दिल के रंगो से, फिर उसको सजाये,
हम तुम मिलके प्यार की एक तसवीर बनाये,
तेरे दिल से मेरे दिल तक एक लकीर बनाये...

तेरी खुबसुरती को मेरी चाहत में मिलाके,
तेरी सांसो को मेरी साँसों में मिलाके,
ग़मो से दूर,खुशियों की खुशबु से हम उसको मेहकाये,
हम तुम मिलके प्यार की एक तसवीर बनाये,
तेरे दिल से मेरे दिल तक एक लकीर बनाये...



તારા પ્રેમ ના પળો ને સજાવી રાખ્યા છે...




તારા ફુલો ને મેં સાચવી રાખ્યા છે,
મારી જિંદગી માં તેને બિછાવી રાખ્યા છે,
તેની એક-એક પાંખડીએ મેં ,
તારા પ્રેમ ના પળો ને સજાવી રાખ્યા છે...

સુગંધ એની ભળે જયારે મારા શ્વાસ માં,
દુનિયા મારી મહેંકી ઉઠે તારા સહેવાસ માં,
તારા પ્રેમે હરદમ તેને નિખારી રાખ્યા છે,
મૌસમ ની રંગત માં રંગો ને પાથરી રાખ્યા છે,
તેની એક-એક પાંખડીએ મેં ,
તારા પ્રેમ ના પળો ને સજાવી રાખ્યા છે...

સંભારણું આ એવું છે જે કોઈ દિ ના કરમાય,
તેની સુંદરતા થી મારી પ્રેમ ઋતુ હરખાય,
યાદ બનાવી ને હૈયે મારી લગાવી રાખ્યા છે,
મારા ખ્યાલો ને તેણે મહેંકાવી રાખ્યા છે,
તેની એક-એક પાંખડીએ મેં ,
તારા પ્રેમ ના પળો ને સજાવી રાખ્યા છે...

कभी तुम भी हमे कोई वजह से पुकार लो...




कभी तुम भी हमे कोई वजह से पुकार लो,
इसी बहाने तुम्हारे लबो से हम अपना नाम तो सुन ले,
कभी तुम भी हमारी आँखों में झांक लो,
हमारी जिंदगी बसाने का हम भी कोई सपना तो बुन ले...

कभी तुम भी हमारे गुलिस्तां को तुम्हारी खुशबु से मेहका लो,
उस बाग़ से हम भी कोई मेहकता हुआ फूल तो चुन ले,
कभी तुम भी हमारे दिल पे अपना हाथ रख लो,
धड़कते हुए हमारे दिल से हम भी तो सुकून ले...

कभी तुम भी हमारी जमीं पे आसमां बनके छा जाओ,
तुम्हारी बरसती हुई घटा से हम खुद भी तो भीग ले,
कभी तुम भी हमारी नजदीक से गुजर लो,
साँसे हमारी हम भी तो तुम्हारी सांस से जुड़ ले...

कभी तुम भी हमे एक बार गले लगाके देख लो,
तुम्हारे सारे ग़म को हम भी तो खुशियों से भर दे,
कभी तुम भी हमे एक बार अपना बनाके देख लो,
तुम्हारी जिंदगी को हम भी तो प्यार के रंगो से रंग दे... 

Monday, April 4, 2016

પાંપણ ના પલકારા પણ બોલવા લાગ્યા છે...




પ્રેમ ના પડઘમ સંભળાવા લાગ્યા છે,
દિલ ના દરિયા માં વમળ ઉઠવા લાગ્યા છે,
ક્યાં જરૂરત છે પ્રેમ ને કોઈ જુબાન ની,
પાંપણ ના પલકારા પણ બોલવા લાગ્યા છે...

મન માં કોઈ ના ખયાલો આવવા લાગ્યા છે,
બીજા ની પસંદ પ્રમાણે પોતાને સજાવવા લાગ્યા છે,
કેવી રીતે જવાબ આપું તે મને ખબર નથી પડતી,
દિલ માં તો જાણે ધોધમાર સવાલો વરસાવા લાગ્યા છે...

રાત-દિવસ તેમની જ યાદો માં કપાવા લાગ્યા છે,
દરેક ઋતુ માં અલગ જ એહસાસ ના ફુલ ઉગવા લાગ્યા છે,
તેમને ગમતું જ બધું પસંદ છે અમને પણ,
હવે તો પોતાના માં પણ જાણે તેમને જ મેહસુસ કરવા લાગ્યા છે...




Saturday, April 2, 2016

આજે તો બસ મન ભરી ને તમારો દીદાર કરશું...




બીજી કોઈ વાર વાતો ની વણઝાર કરશું,
આજે તો બસ મન ભરી ને તમારો દીદાર કરશું,
આંખો માં આંખ પેરવી ને ચાર કરશું,
આજે તો બસ મન ભરી ને તમારો દીદાર કરશું...

મને એહસાસ તો થઇ જાય કે આ ભ્રમ નું નથી,
આ હકીકત છે કોઈ સપનું નથી,
તમારા રેશમી સૌન્દર્ય નો રસથાળ કરશું,
આજે તો બસ મન ભરી ને તમારો દીદાર કરશું...

કોઈ જાદુગર ની માયા જેવું લાગે છે,
આ રૂપ તો જાણે સોનેરી કાયા જેવું લાગે છે,
જોબન ના દરિયા માં આર-પાર થઈશું,
આજે તો બસ મન ભરી ને તમારો દીદાર કરશું...

આ સમય ને કહી દઉં કે થંભી જા તું ઘડીક,
મારા આ અનમોલ ક્ષણ ને હું સમેટી લઉં ઘડીક,
આ જ સુંદર પળો થી જિંદગી નો શ્રીંગાર કરશું,
આજે તો બસ મન ભરી ને તમારો દીદાર કરશું... 

हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...




जाने अनजाने में कभी हंसी हंसी में, बातों बातों में कभी दिल की लगी में,
ना जाने दिल कब खो जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...

उनकी गलियों से गुजरने लगते है, उनसे मिलने को बहाने ढूंढते रेह्ते है,
दीदार हो जाये उनका एक बार, मन ही मन बस तरसते रेह्ते है,
ना जाने अनजाना कब अपना हो जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...

बार बार उनसे कुछ केहने जाते है, पर लब्ज़ जुबां तक आके रुक जाते है,
दिल की धड़कने बढ़ने लगती है, जब वो कभी हमारे करीब आते है,
दिल उसके लिये बेकरार हो जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...

उनकी ख़ुशी में हम मुस्काने लगते है,रब से दुआ में उन्हें मांगने लगते है,
उनके ख्यालो में खोया रेहता है मन, उनको ही रात दिन बस सोचने लगते है,
चाहे ना चाहे दिल उनकी तरफ खींचता जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...