Thursday, June 30, 2016

जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने...




जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

चेहरा है जैसे चाँदनी का दर्पण,
जितनी सुंदर आप है उतना ही सुंदर मन,
नज़रे युं जुकाकर उठा दी आपने,
सारे जहाँ पे रोशनी कर दी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

सारे गुलाबो की लाली इन लबों पे बिखरी है,
सारे बागों की कलियाँ तेरे हुश्न से निखरी है,
मुस्कुराके क्या खता कर दी आपने,
हम पे तो बिजली गिरा दी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

दिल करता है आपको बस सुनते ही जाये,
आपकी आँखो में बस डूबते ही जाये,
चुनरी युं हवा में लेहरा दी आपने,
खुशबू ओ से साँसे मेंहकादी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...




अापकी यादें हमको रुलाती है,
अापकी बातें हमको सताती है,
ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...

वो है मौसम, वो है नज़ारे,
पर उसके रंग बदले है सारे,
वो है चंदा, वो है सितारे,
पर लगते है अाज वो बेनूर सारे,
अांखो से अांसू की धारा बहे जाती है,
कुछ भी करू ये तो रुक भी नहीं पाती है,
ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...

मर जायेंगे हम तो तेरे प्यार मे हमदम,
अब तो नहीं सहा जाये जुदाई का शितम,
राह टकती है तेरी नज़रे ये हर पल,
अा जाओ अब तो तुमको मुहब्बत की कसम,
सांसे ये तुम्हारी खुशबु मेहकाती है,
मेरे दिल की धड़कन तेरा नाम सुनाती है,
ऐ ! जिंदगी तु क्युँ हमें इतना तड़पाती है...

Saturday, June 18, 2016

फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ...




आज फ़िर वोही सवाल आ गया है सामने,
जुबान चुप हो गई, ना मिले कोई जवाब,
फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ...

ना कोई मंजिल जहाँ में, फ़िर भी चले जा रहे है,
ना कोई साथी है, अकेले हर ग़म सहे जा रहे है,
हर कोना खाली पड़ गया मकान में,
फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ...

तसवीर देख के ना समजे क्या छुपा है रंग में,
खुद को भी ना पेहचाने अब तो हम दर्पण में,
पड़दा पड़ गया है अंखियों के आंगन में,
फ़िर अंधेरा छा गया आसमान में ... 

न जाने कौन रंग से रंग दिये...




न जाने कौन रंग से रंग दिये कि निकला ना जाये,
शरमाके मेरा हर अंग जैसे सिमटा सा जाये।

न जाने क्यूँ रे हमरा मन बावला हो गया,
समजाने से लाख़ भी उसके समज में ना आये।

न जाने किस जग़ह, किस घड़ी, दिल पराया हो गया,
अनजाने किस चेहरे का एक पल में दीवाना हो गया।

न जाने क्यूँ मेरे नैनन में निंदिया ना आये,
नज़राने में किसने हमे बैचेनी का तोहफ़ा दे दिया।

न जाने किस जादू से हमरा नज़रिया बंधा जाये,
आयने में आज हमने अपने आपको जुदा पाया।

आती है वो ओर कुछ केहने...




आती है वो ओर कुछ केहने, पर बात कुछ ओर केह जाती है,
आँखे उसकी जो साफ केहती है, पर होठों से कुछ ओर केह जाती है ...

रोज़ केहती है वो हमसे, एक बात केहनी है तुमसे,
फिर एक अदा है उसकी, वो आंहे भरती है जैसे दिल धड़कता है जोर से,
फिर वो केहती है हमसे, जो केहना था वो भूल जाती है,
आती है वो ओर कुछ केहने, पर बात कुछ ओर केह जाती है ...

उसने अभी ये कहा नहीं फिर भी क्या हाल हो गये,
अगर आके केह दे हमसे तो खुशी से जाँ ना खो दिये,
उसकी हर अदा हमको कबसे बेक़रार किये जाती है,
आती है वो ओर कुछ केहने, पर बात कुछ ओर केह जाती है ...

हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई...




तेरी यादों की है पड़छाई,
जिसकी हर बहार तेरी ही खुशबू से महेकाई,
तेरी कर दी जिसने मुझसे जुदाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

तेरी ही बातों में खोया रेहता हुँ मैं हर पल सनम,
तेरी तसवीर को लगाके रखा है दिल से सनम,
जिंदगी की राहों में जिसने कांटो की सेज है बिछाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

तेरे बिना ये दुनिया मुझे अच्छी नहीं लगती,
जो तु ना कहे वो बात हमें सच्ची नहीं लगती,
हर खुशी जिसने बेनूर है बनाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

तेरी ही आवाज़ सुनाई देती है, जैसे तुने मुझको पुकारा है,
तुम मुस्कुराती हुई आई हो आई हो यही एहसास हर पल का नजारा है,
जिससे सारे मौसम में विरानी है छाई,
हाय ! ये कैसी है बेदर्द तन्हाई।

Indian Women




Not the women of China, not the women of England, not the Japanese women,
but the top of the whole this world, attraction of Indian women

A statue of sacrifice, a mine of affection,
gives love inspiration, not other but Indian women

See the style and fashion, not forget their tradition,
always culture preservation, not other but Indian women

Saari and bindiyaa with ornaments, you can't guess words for appreciation,
beauty stops at only this station, not other but Indian women

Aishwarya, Sushmita and Priyanka, make beauty out of imagination,
which honour for all Indians, not other but Indian women

The girl, wife and mother, three faces in face one,
no one can take place of them, not other but Indian women



Friday, June 17, 2016

હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...




વરસાદ ના ઝર-મર છાંટા વરસ્યાં,
ભીની ફોરમ થી ધરતીનાં કણ-કણ મહેક્યાં,
હવે પ્રેમ ની આગ હૈયા માં બળવાની,
હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...

મેઘધનુષ ના રંગો થી છવાયું,
મૌસમ પર કેવું આ નૂર છવાયું,
ઠંડી-ઠંડી લહેરોં લહેરાતી,
તન-મન માં જાણે વીજળી પ્રસરાતી,
ઋત આવી ગઈ સાથ માં ફરવાની,
હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...

મન થાય છે તારી સાથે ભીંજાવું,
તારા ભીના વાળમાંથી મોતી છંટકાવુ,
ગુલાબી હોઠોં પરથી ટીપું જો સરશે,
આ બરખા માં રંગો ની ગુલાબ જો ભળશે,
જિંદગી ને પ્રેમ રંગો માં રંગવાની,
હવે તો થાય ઝંખના તમને મળવાની ...

Wednesday, June 15, 2016

कोई करता नहीं है प्यार...




कोई करता नहीं है प्यार, ये तो बस ऐसे ही हो जाता है,
कोई देता नहीं है करार, ये तो बस ऐसे ही खो जाता है ...

जिंदगी में शायद सबको होता है एक बार,
कोई समज जाता है, कोई समज नहीं  पाता है प्यार,
कोई समजे भूल तो कोई इसको जन्नत समजे यार,
पर हो जाये तो जीना मुश्किल कर देता है यार,
कोई करता नहीं है प्यार, ये तो बस ऐसे ही हो जाता है...

ये तो ऐसा दर्द है जिसकी दवा भी खुद ही है प्यार,
धीरे-धीरे नींद उड़ाके बैचैन कर देता है प्यार,
अपने आप पे किसी ओर का हो जाता है इख्तियार,
उसके मिलने की घडी का हर पल दिल को रेहता है इंतज़ार,
कोई करता नहीं है प्यार, ये तो बस ऐसे ही हो जाता है...

हाँ। तु है वो लड़की...




हाँ। तु है वो लड़की जिसको हमने सोचा था,
खूबसूरत परी दिल की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

तेरी हर बातें सबसे जुदा है,
जो तुझमे है वो ओर कहाँ है,
खुशबु की रानी,शाम सुहानी,
तुमसे तो ये मौसम जवाँ है,
हाँ। तु है वो साथी जिसको हमने सोचा था,
मंज़िल मेरे जीवन की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

पेहली बरखा की ताज़गी है तु,
हम जो लिखते है वो शायरी है तु,
हर पल जो मुस्काती है वो मुस्कान है तु,
मेरे मन के ख़यालो का अरमान है तु,
हाँ। तु है वो चाँदनी जिसको हमने सोचा था,
वो रात पूनम की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

મારા હૈયા ની વાત...




મારા હૈયા ની વાત, કહું હું તુજને આજ રાત,
તારા વિના વિતાવી કેમ રાતડી,
ઈ તો કોઈ ના જાણે, ઈ તો બસ હું જાણું અને જાણે મારી આ આંખડી ...

સેજ ખાલી ખાલી, નીંદર ના આવી મને,
બસ તારી યાદ પલ-પલ આવી મને,
હું તો શું કહું વિચારું, મારા મન ને મનાવું,
બસ પડખા ઓ બદલી વીતી રાતડી,
ઈ તો કોઈ ના જાણે, ઈ તો બસ હું જાણું અને જાણે મારી આ આંખડી ...

મન તો એવું વિચારે તું અબ ઘડી અહીં આવી જાય,
મારી કાળી રાત માં ચાંદની ફૈલાવી જાય,
તું કાલે તો આવશે, બસ કાલ ની જ વાટ માં,
બસ એ જ વિચારે વીતી રાતડી,
ઈ તો કોઈ ના જાણે, ઈ તો બસ હું જાણું અને જાણે મારી આ આંખડી ...

Sunday, June 12, 2016

वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...




हमने देखी नहीं कोई परी या अप्सरा,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी,
हमने देखी नहीं कोई बहारों की मलिका,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...

मोरनी की लचक है तुम्हारी चाल में,
दो जवाँ मस्त डिम्पल है तुम्हारे गाल में,
क्या कहें  हम उस अदा का ऐ गुलबदन,
जब दांतों में दबा के बक्कल तुम डालती हो बाल में,
हमने देखी नहीं कोई रानी या रुखसाना,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...

भवाये उठाके जब तुम बातें करती हो,
लब्ज़ नहीं है तुम कितनी हसीन लगती हो,
कोई भी बाग़ या मेहफ़िल से तुम गुजरती हो,
बस अपने ही रंगो से उसे रंग देती हो,
हमने देखी नहीं कोई रूबी या मलाइका,
पर सोचता हूँ की वो हूबहू तेरे जैसी ही होगी...

रब से दुआयें करे...




रब से दुआयें करे, दिल की सदायें कहें,
तु मुझको मिल जाये, बाहों में आ जाये,
इतनी वफाये करें, जी भर के बातें करे ...

जिदंगी में तुमसे ख्वाहिशे मेरी,
आँखे तुम्हारी जन्नते मेरी,
रब इतना करम कर दे, तुझको मेरी कर दे,
फिर ना आंहे भरे, रब से दुआयें करे...

कोई भी सुबह हो कोई भी हो शाम,
लब पे तुम्हारा ही रेहता है नाम,
अब तो आ जाओ, प्यास दिल की बुझा जाओ,
फिर ना वो लम्हा ढले, रब से दुआयें करे ...

ये हुर कहाँ से उतरा है...




सुंदर सा मुखड़ा है, चाँद का टुकड़ा है,
हर कोई ये सोचे है, ये हुर कहाँ से उतरा है...

वो तो शयानी है,सबसे सुहानी है, फूलों की रानी है,
किरणों की ज्योति है, रूप की शहज़ादी है,
हर गली में चर्चा है, ये हुर कहाँ से उतरा है...

एक बार देखे जो कोई उसको वो देखता ही रह जाये,
उसकी तारीफ़ में क्या कहे बस दांतों तले ऊँगली दब जाये,
वक़्त भी वहां ठेहरा है, उसका जहाँ पेहरा है,
सुंदर सा मुखड़ा है, चाँद का टुकड़ा है,
हर कोई ये सोचे है, ये हुर कहाँ से उतरा है...

Saturday, June 11, 2016

पर तु ये बात न जाने ...




हम तो हुए है दीवाने, पर तु ये बात न माने,
तुझसे प्यार इतना कर दा,
तुझपे जीता, तुझपे मर दा,
सारे जग से है बैगाने, पर तु ये बात न जाने ...

नजरे हमारी जाये जिधर, तु ही तु हमको आये नजर,
कोई भी बात हो या कोई हो ज़िकर,
तुझसे शुरू हो तुझपे खतम,
तुझसे प्यार इतना कर दा,
बस तेरी आंहे भर दा,
सबसे हुए है अनजाने, पर तु ये बात न जाने ...

अँखियों में तेरे ख़्वाब बस गये,
लब पे तुम्हारे गीत सज गये,
तुझसे प्यार इतना कर दा,
बस तेरी राहे दिख दा,
हुए मशहूर फ़साने, पर तु ये बात न जाने ...

Sunday, June 5, 2016

સર્જનહારે શું રચના કરી છે સૃષ્ટિ ની...




જ્યાં દ્રષ્ટિ કરો ત્યાં સોનલ જ સોનલ,
સર્જનહારે શું રચના કરી છે સૃષ્ટિ ની,
એક થી ચઢિયાતી એક કૃતિ છે કુદરત ની,
કોઈ દઢ છે કોઈ કોમલ જ કોમલ...

રેશમી વાદળ કેરા વન નો મુલાયમ એહસાસ કરું,
સવારે ધુમ્મસ ની ઓર માં કિરણો ને આર-પાર કરું,
ગુલાબી ગુલાબી વાયરા નો આહલાદક સ્પર્શ,
સાથે પંખી ઓના મધુર કલરવ નો રોમાંચ કરું...

પહાડો પર લીલીછમ જાજમ તો કયાંક બરફ ની ચાદર ઓઢાડી,
નાના-નાના ફુલ છોડ તો ક્યાંક ઊંચા વૃક્ષો ની હારમાળા ઉગાડી,
કેવી રીતે રંગ ભર્યો હશે ચિત્રકારે કોણ જાણે,
પણ જ્યાં જુઓ ત્યાં ભાત-ભાત ના રંગો ની રંગત રંગાડી...

છમા-છમ વરસતા વરસાદ નું આટલું પાણી તે ક્યાંથી લાવ્યા હશે,
ક્યાંક જમીન તો ક્યાંક ઝરણા,નદી,તળાવ તે કેમેક બનાવ્યા હશે,
રંગબેરંગી ઉડતા પંખી તો ક્યાંક તળતા-ચાલતા જાનવર,
આટલી બધી કલાથી તે ક્યા કલાકારે દુનિયા ના બાગ ને શણગાર્યા હશે...

Friday, June 3, 2016

સાક્ષાત માયા...




કેવી રીતે લખીશ, ખબર નથી, કેવી રીતે વર્ણવીશ તે પણ ખબર નથી. પણ I guess કોઈ ના માટે પણ આ કામ મુશ્કેલ છે. તેનું  શબ્દો ના સ્વરૂપ માં આલેખન કરવું આસાન નથી પણ I guess શક્ય જ નથી. 

લજામણી જેવી કાયા માં રાતરાણી ની સુગંધ રેલાવતી મહેક છુપાવી સુંદરતા થી જેનો ખુદ ઈશ્વરે શ્રીંગાર કર્યો અને તેમાં મધ ની મીઠાશ ને ફુલો ની પાંખડી માં મેળવી જેના હોઠો નું સર્જન કરી ને તે કલા-કૃતિ માં પ્રાણ ફૂંક્યો ત્યારે જે રચના બની તે છે આ સાક્ષાત માયા. 

જેના ગાલ પર હળવી ગુલાબી રાતાશ બિખરી હોઈ અને જેનાથી રોજ સાંજ રંગે રેલાતી હોઈ, તે બેઠી હોઈ તો એવું લાગે જાણે કોઈ અદ્ભુત નજારો બનાવી ને બુલબુલ બિરાજમાન હોઈ. દાડમ ના દાણા ને તેના દાંત માં સજાવી ને મોતી ની જેમ વિખેર્યા હોઈ તેવી મુસ્કાન છે તેની. તેના ચાંદની ભરી નૈન માં તેજ ઝળકે ત્યારે આપણી આંખો અંજાય જાય તેવી રોશની થઇ જાય. માસુમ ફુલો ની ડાળીઓ ને તેની આંગળીઓ માં ઢાળી મલાઈદાર હાથો ને નજાકત અર્પી, કોઈ ગુલમહોર ના ઝાડ પર થી ફુલો ની વર્ષા થઇ જાય જયારે તેના રૂપવંતા ચહેરા પર એક મુસ્કાન છવાય. નજર અટકી જાય સૃષ્ટિ ની જ્યાં તે એક પલ માટે થંભી જાય, વાતાવરણ મેંહકી જાય તેની ખુશ્બુ થી જ્યાં થી એક વાર તે પસાર થઇ જાય. કાળી ઘટાઓ ના વન માં રેશમ ની ડોર જેવા તેના ઘના મુલાયમ કેશુ ઓ ની લેહરાતી લેહર માં આખું ગગન ડોલી ને જમીન ને વર્ષા ની ઝડી થી ભીગવી નાખે છે. 
આરસ ના અંગ માં જાણે સુરાહી દાર સ્વરૂપ આપી સર્જનહારે એક અલૌકિક આકૃતિ નું નિર્માણ કર્યું અને તેને સંગીત ના સાત સુર આપી દુનિયા માં પ્રગટ કર્યું તેવી આ શ્રદ્ધા જેવી પાવન, નદી જેવી નિર્મળ, ગુલાબ જેવી કોમળ અને મેઘધનુષ ના રંગો થી રંગાયેલી માદક કમનીય કલ્પના ને માટે કોઈ શબ્દો જ નથી. I guess જેટલું લખીયે તેટલું ઓછું જ છે.