Tuesday, May 31, 2016

तुम्हे जितनी बार देखे...




तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर हँसी लगती हो,
तेरी हर अदा है पेहले से जुदा, तेरे हुस्न से खुद हैरान है खुदा,
तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर मख़मली लगती हो...

हसती-हसती तुम चलती हो ऐसे,
जंगल में कोई हिरणी चलती हो जैसे,
ठहर ठहर के तुम कुछ केहती हो ऐसे,
कोई सुरीली बीणा बजती हो जैसे,
तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर गुलाबी लगती हो...

काला हो,लाल हो चाहे नीला हो या हरा,
पर तुझपे तो जचता है हर रंग सुनेहरा,
कोई भी ग़ज़ल हो या हो शेरो-शायरी,
तेरे रूप के आगे तो कुछ भी ना ठेहरा,
तुम्हे जितनी बार देखे, तुम पेहले से ज्यादा ओर दिलनशीं लगती हो... 

Sunday, May 29, 2016

हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...




है दीवानापन, ना लागे मन,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है,
कुछ भी करलु मैं, पर ना राहत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...

साँसे आती है,सांसे जाती है,
तेरी खुशबु... मेहकाती है,
लम्हा आता है, लम्हा जाता है,
इन आँखों को भीगे जाता है,
कैसे केह दू मैं, क्या हालत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...

सुबहा होती है, शामे ढलती है,
तेरी यादो में खींचे जाती है,
मेरी रग-रग में तु बेहती है,
दिल की धड़कन को तु धड़काती है,
खुद से खोया हु, कैसी चाहत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...

Saturday, May 28, 2016

તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...




મારા દિવસ ને જુઓ, મારી રાત ને જુઓ,
આ ગરમી ઠંડી ને વરસાદ ને જુઓ,
કરમાયેલું ફુલ જાણે હરખાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...

રોનક હતી ક્યાં આવી સવાર માં,
લાલી હતી ક્યાં આવી સાંજ માં,
તારા હોઠો ની લાલી, તારી મીઠી મુસ્કાન,
પ્રસરી જ્યાં, ત્યાં બધું રંગાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...

ખાલી હતા આ મારા મન ના ઝરણાં,
સૂનાં હતાં મારા અંતર ના ખૂણા,
તારા પ્રેમ ની વર્ષા, તારી જાદુભરી વાણી,
વર્ષી જ્યાં, ત્યાં બધું છલકાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...

રાહ હતી જેની મને તે આજે મારી સાથે છે,
જાણે કોઈ બેનૂર ખજાનો પાસે છે,
તારા રૂપ ની કિરણ, તારી ખુશ્બુ ની લહર ,
ફેલાય જ્યાં, ત્યાં બધું અંજાય ગયું,
તારા આગમન થી બધું બદલાય ગયું ...  

कभी झील की खामोश आँखों में देखो...




कभी झील की खामोश आँखों में देखो, केहती है वो कितने ही राज़,
चुपके से बयाँ हो जाये दिल की बात, जरुरी नहीं है लिये आवाज़ ...

जुबाँ है जो धड़कन की  बस एक दिल ही समज पाये,
इशारों  की निशानियाँ है जो प्यार करनेवाला ही समज पाये,
छुपी नहीं रेह शकती छुपाये पायल,वो छनक के कर ही देती है आवाज़,
चुपके से बयाँ हो जाये दिल की बात, जरुरी नहीं है लिये आवाज़ ...

हाथों की चूड़ी खनके तो समजो,
झुक जाये नैन हया से तो समजो,
अफसाना है ये ऐसा की जिसमे,
आये अगर ना तो हाँ समजो,
करते रेहते है हम इन्कार जिनको, भा जाये दिल को उसके ही अंदाज़,
चुपके से बयाँ हो जाये दिल की बात, जरुरी नहीं है लिये आवाज़ ...

Wednesday, May 25, 2016

पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...




पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम,
बूंदों सी गिरती सबनम हो तुम,
मेहकाये मीठी खुशबु जमीं से, छलकाये मोती अपनी हंसी से,
कोई हसीं साज़ की सरगम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...

कोई नगीना है आँखों में तेरे,प्याला शहद का है होठों पे तेरे,
लाल अनार है गालों में तेरे, सावन  छुपा है बालों में तेरे,
तारो की जैसे टीम-टीम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...

दिल चुराये नजरे तुम्हारी, वार करे है बोली तुम्हारी,
ना कोई है, ना कोई होगी, सबसे जुदा है खूबसूरती तुम्हारी,
पायल की जैसे छम-छम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...

Wednesday, May 18, 2016

तुम कितनी खुबसूरत हो ...




अगर आयने को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...

तुम्हे राग कहे या कहे रागिनी,
तुम्हे चाँद कहे या कहे चांदनी,
मैंने तारों से पूछा,बहारों से पूछा,
खुशबु से मेहकते बागो से पूछा,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर फूल को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...

शाम ये कैसी सजी है गुलाबी,
पिगली हो जैसे तेरे होठों से लाली,
मैंने पूछा जमीं से, मैंने पूछा आसमाँ से,
मैंने पूछा परियों से ,पूछा अप्सरा से,
तेरे जैसा कोई भी हसीन नहीं दूजा,
अगर ताज को कोई दे दे जुबाँ, केह दे वो अपने दिल की दास्ताँ,
तुम कितनी खुबसूरत हो, तुम कितनी खुबसूरत हो ...

Tuesday, May 17, 2016

वो मेरी मेहजबीन है...




कोई चाँद से केह दे कोई उससे भी हसीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

दिल करे बस वो हसती युँ रहे,
वो हसती ही रहे हम उनको देखते रहे,
कोई ताज से केह दे कोई उससे भी बेहतरीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

आँखों की मस्ती, वो शर्म वो हया,
उनकी सारी बातों में दिल डुब सा गया,
कोई फूल से केह दे कोई उससे भी कमसीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

Monday, May 16, 2016

वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा ...




रब कहे मांग लो कुछ भी तो तुम्हें दे दू जहाँ सारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा,
वो शाम की रंगत में चमकता हुआ हुस्न तुम्हारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा ...

वो खुशबु से मेहकता दामन,
चेहरा जैसे चाँद का एक दर्पण,
तेरी सारी बातें सबसे है जुदा,
तेरी हर अदा धड़काती है धड़कन,
तुम सामने बैठे रहो वो क्या खूब हो नज़ारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा...

जिंदगी में देखो ऐसी भी एक रात थी,
वोह साथ थी मेरे जैसे कल की ही बात थी,
वो झील सी आँखे, वो मासूम मुस्कान,
उसके गोरे हाथों में उंगलियां जैसे फूलों की डाल थी,
अब कभी फिर से ऐसा हसीं पल आये ना आये दोबारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा...

Sunday, May 15, 2016

कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...




उगते हुए सूरज की किरणे लायेंगे,
चाँद से चाँदनी छीन लायेंगे,
तू है मेरी जाँ , तू है मेरी तक़दीर,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

मैं हु दीवाना तेरा जाना,
सारी दुनिया से हूँ बेगाना,
तू है मेरी दुनिया, मैं हु तेरी जागीर,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

चल पड़े है हम तेरे रस्ते,
मर जाएंगे हम हसते-हसते,
तू है मेरी राह, तू है मेरी मंज़िल,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

धड़कनो की लय में तेरा नाम धड़कता है,
मेरी रग-रग में तेरा प्यार बेहता है,
बिन तेरे एक पल भी मेरा जीना हैं मुश्किल,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...