Sunday, May 15, 2016

कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...




उगते हुए सूरज की किरणे लायेंगे,
चाँद से चाँदनी छीन लायेंगे,
तू है मेरी जाँ , तू है मेरी तक़दीर,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

मैं हु दीवाना तेरा जाना,
सारी दुनिया से हूँ बेगाना,
तू है मेरी दुनिया, मैं हु तेरी जागीर,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

चल पड़े है हम तेरे रस्ते,
मर जाएंगे हम हसते-हसते,
तू है मेरी राह, तू है मेरी मंज़िल,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

धड़कनो की लय में तेरा नाम धड़कता है,
मेरी रग-रग में तेरा प्यार बेहता है,
बिन तेरे एक पल भी मेरा जीना हैं मुश्किल,
कुछ भी कर सकता हु मैं आपकी ख़ातिर...

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