पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम,
बूंदों सी गिरती सबनम हो तुम,
मेहकाये मीठी खुशबु जमीं से, छलकाये मोती अपनी हंसी से,
कोई हसीं साज़ की सरगम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...
कोई नगीना है आँखों में तेरे,प्याला शहद का है होठों पे तेरे,
लाल अनार है गालों में तेरे, सावन छुपा है बालों में तेरे,
तारो की जैसे टीम-टीम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...
दिल चुराये नजरे तुम्हारी, वार करे है बोली तुम्हारी,
ना कोई है, ना कोई होगी, सबसे जुदा है खूबसूरती तुम्हारी,
पायल की जैसे छम-छम हो तुम,
पेहले बरसात की रिमझिम हो तुम...
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