Tuesday, May 17, 2016

वो मेरी मेहजबीन है...




कोई चाँद से केह दे कोई उससे भी हसीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

दिल करे बस वो हसती युँ रहे,
वो हसती ही रहे हम उनको देखते रहे,
कोई ताज से केह दे कोई उससे भी बेहतरीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

आँखों की मस्ती, वो शर्म वो हया,
उनकी सारी बातों में दिल डुब सा गया,
कोई फूल से केह दे कोई उससे भी कमसीन है,
मेरे सामने है वो, वो मेरी मेहजबीन है...

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