है दीवानापन, ना लागे मन,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है,
कुछ भी करलु मैं, पर ना राहत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...
साँसे आती है,सांसे जाती है,
तेरी खुशबु... मेहकाती है,
लम्हा आता है, लम्हा जाता है,
इन आँखों को भीगे जाता है,
कैसे केह दू मैं, क्या हालत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...
सुबहा होती है, शामे ढलती है,
तेरी यादो में खींचे जाती है,
मेरी रग-रग में तु बेहती है,
दिल की धड़कन को तु धड़काती है,
खुद से खोया हु, कैसी चाहत है,
हाय रब्बा ये क्या मुहब्बत्त है...
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