रब कहे मांग लो कुछ भी तो तुम्हें दे दू जहाँ सारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा,
वो शाम की रंगत में चमकता हुआ हुस्न तुम्हारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा ...
वो खुशबु से मेहकता दामन,
चेहरा जैसे चाँद का एक दर्पण,
तेरी सारी बातें सबसे है जुदा,
तेरी हर अदा धड़काती है धड़कन,
तुम सामने बैठे रहो वो क्या खूब हो नज़ारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा...
जिंदगी में देखो ऐसी भी एक रात थी,
वोह साथ थी मेरे जैसे कल की ही बात थी,
वो झील सी आँखे, वो मासूम मुस्कान,
उसके गोरे हाथों में उंगलियां जैसे फूलों की डाल थी,
अब कभी फिर से ऐसा हसीं पल आये ना आये दोबारा,
मैं मांग लु फिर से वो ही पल दो पल का साथ तुम्हारा...
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