Wednesday, June 15, 2016

हाँ। तु है वो लड़की...




हाँ। तु है वो लड़की जिसको हमने सोचा था,
खूबसूरत परी दिल की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

तेरी हर बातें सबसे जुदा है,
जो तुझमे है वो ओर कहाँ है,
खुशबु की रानी,शाम सुहानी,
तुमसे तो ये मौसम जवाँ है,
हाँ। तु है वो साथी जिसको हमने सोचा था,
मंज़िल मेरे जीवन की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

पेहली बरखा की ताज़गी है तु,
हम जो लिखते है वो शायरी है तु,
हर पल जो मुस्काती है वो मुस्कान है तु,
मेरे मन के ख़यालो का अरमान है तु,
हाँ। तु है वो चाँदनी जिसको हमने सोचा था,
वो रात पूनम की जिसको हमने सोचा था,
चेहरा कँवल, मन दर्पण, चंचल नयन,
हँसी कली गुलशन की जिसको हमने सोचा था ...

No comments:

Post a Comment