Thursday, June 30, 2016

जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने...




जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

चेहरा है जैसे चाँदनी का दर्पण,
जितनी सुंदर आप है उतना ही सुंदर मन,
नज़रे युं जुकाकर उठा दी आपने,
सारे जहाँ पे रोशनी कर दी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

सारे गुलाबो की लाली इन लबों पे बिखरी है,
सारे बागों की कलियाँ तेरे हुश्न से निखरी है,
मुस्कुराके क्या खता कर दी आपने,
हम पे तो बिजली गिरा दी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

दिल करता है आपको बस सुनते ही जाये,
आपकी आँखो में बस डूबते ही जाये,
चुनरी युं हवा में लेहरा दी आपने,
खुशबू ओ से साँसे मेंहकादी आपने,
जुल्फें इस तरहा से झटकी आपने,
मोतियों की बरखा कर दी आपने ...

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