कुछ तो लब्ज़ है जो लब पे आते आते रुक जाते है,
कुछ तो खास है जो हम आज कल बदले से नजर आते है...
मेहकाती है तन्हाइयाँ, दिल पे लाती है बेचैनियाँ,
तेरी यादें,तेरी बातें, वो तेरे खवाबो से सजी राते,
कुछ तो राज़ है जो बिन कहे भी चेहरे से छलक जाते है,
कुछ तो लब्ज़ है जो लब पे आते आते रुक जाते है,
कुछ तो खास है जो हम आज कल बदले से नजर आते है...
मेहसूस करता हु मैं तुमको हर जग़ह,
बन गये हो तुम मेरे जीने की वज़ह,
कुछ तो बात है जो कितने भी भूलने से ना भूल पाते है,
कुछ तो लब्ज़ है जो लब पे आते आते रुक जाते है,
कुछ तो खास है जो हम आज कल बदले से नजर आते है...
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