जाने अनजाने में कभी हंसी हंसी में, बातों बातों में कभी दिल की लगी में,
ना जाने दिल कब खो जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...
उनकी गलियों से गुजरने लगते है, उनसे मिलने को बहाने ढूंढते रेह्ते है,
दीदार हो जाये उनका एक बार, मन ही मन बस तरसते रेह्ते है,
ना जाने अनजाना कब अपना हो जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...
बार बार उनसे कुछ केहने जाते है, पर लब्ज़ जुबां तक आके रुक जाते है,
दिल की धड़कने बढ़ने लगती है, जब वो कभी हमारे करीब आते है,
दिल उसके लिये बेकरार हो जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...
उनकी ख़ुशी में हम मुस्काने लगते है,रब से दुआ में उन्हें मांगने लगते है,
उनके ख्यालो में खोया रेहता है मन, उनको ही रात दिन बस सोचने लगते है,
चाहे ना चाहे दिल उनकी तरफ खींचता जाता है, हां ऐसे ही प्यार हो जाता है ...
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