तेरा हाथ हो मेरे हाथ में तो वो साथ की क्या बात हो,
तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...
तेरी आँखों की मस्ती, मेरा दीवानापन,
तेरी मदहोश साँसे, मेरा बेचैन मन,
ऐसा शमा हो जाये, फिर तो हाय ! वो मुलाक़ात की क्या बात हो,
तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...
तेरी जवानी का शोला मेरी बाहों में पिगले,
सब कुछ भुलाके फिर हम युं गले मिले,
हर प्यास बुझादे हम फिर वो बरसात की क्या बात हो,
तु हो मेरे साथ में तो वो रात की क्या बात हो...
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