ख्वाबों के समंदर में मैं आज तैर लु ,
ख्वाहिशों के आसमाँ में मैं आज उड़ लु ,
कुछ पल मिले है , आओ उसमें दिल के धागें जोड़ लु ...
नहीं कोई समजे तो क्या खता है,
हमें हमारी हदों का पता है,
हद के आगे जाके मैं आज देख लु ,
थोड़ी ही सही पर कुछ खुशियाँ तो समेट लु ,
कुछ पल मिले है , आओ उसमें दिल के धागें जोड़ लु ...
जल जाऊ थोड़ा , पिगल जाऊ थोड़ा,
लबों पे हँसी रखके मन में रो लु थोड़ा ,
भीगी आँखों से आईने में मैं आज ख़ुद को तराश लु ,
चेहरे की गहराई में मैं आज झाँक लु ,
कुछ पल मिले है , आओ उसमें दिल के धागें जोड़ लु ...
कुछ साँसे जिंदगी की जिंदगी से चुन लु ,
कुछ यादें जिंदगी की जिंदगी से बुन लु ,
सारे तारों को बाहों में मैं आज भर लु ,
सुबहा ना सही , रात से मैं आज इश्क़ कर लु ,
कुछ पल मिले है , आओ उसमें दिल के धागें जोड़ लु ...
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