चाँद है, रात है, पर तु तो नहीं है ,
सब कुछ पास है, पर तु तो नहीं है,
क्या करू मैं ये सारी कायनात,
क्या करू मैं ये सारी दुनिया तमाम,
हमको तो चाहिये बस एक तेरा साथ...
साँसे हमारी चल तो रही है , पर नाम तेरा जप रही है,
कितने भी फाँसले भले हो पर इश्क़ तुम्हीं से कर रही है,
शाम है, याद है, पर तु तो नहीं है ,
सब कुछ पास है, पर तु तो नहीं है,
क्या करू मैं ये सारी कायनात,
क्या करू मैं ये सारी दुनिया तमाम,
हमको तो चाहिये बस एक तेरा साथ...
दीवाना हमें यूँ ना बनाओ, हमें भी अपने संग ले जाओ,
दूर ही से हम देख लेंगे, पर एकदम तो ओज़ल ना हो जाओ,
फिर वोही बरसात है, पर तु तो नहीं है ,
सब कुछ पास है, पर तु तो नहीं है,
क्या करू मैं ये सारी कायनात,
क्या करू मैं ये सारी दुनिया तमाम,
हमको तो चाहिये बस एक तेरा साथ ...
राहों में चलते बिछड़ गये, हमें अकेला छोड़ गये,
जिंदगी के हँसी मौसम को पतझड़ से ओढ़ गये ,
लब पे प्यास है , पर तु तो नहीं है ,
सब कुछ पास है, पर तु तो नहीं है,
क्या करू मैं ये सारी कायनात,
क्या करू मैं ये सारी दुनिया तमाम,
हमको तो चाहिये बस एक तेरा साथ ...
हमको तो चाहिये बस एक तेरा साथ ...
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