Thursday, March 3, 2016

तेरी यादो में खोया रेहता हुँ

मैं अधूरा लगता हुँ, कुछ कर नहीं शकता हुँ ,
जब भी मुझसे तु दूर रेहती है, तेरी यादो में खोया रेहता हुँ।



फिर वो आसमाँ, वो जमीं है, पर दिल की लय थमी है,
दिल लगता नहीं कहीं भी, तेरे बिन हर बात में कमी है,
क्या केहना हो क्या केहता हुँ, युं गुमसुम सा मैं रेहता हुँ,
जब भी मुझसे तु दूर रेहती है, तेरी यादो में खोया रेहता हुँ।

कभी मुझको ख्याल आता है, की ऐसा तुमको भी कुछ होता होगा,
जो महेसुस मैं करता हुँ, क्या तुमको भी महेसुस होता होगा,
मैं तेरा ही बस सोचता हुँ, तेरी तस्वीर को लिए घूमता हुँ ,
जब भी मुझसे तु दूर रेहती है, तेरी यादो में खोया रेहता हुँ। 

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