Thursday, March 10, 2016

फिर लिख दिया इंतज़ार जिंदगी में...

तुने करके बेक़रार, फिर लिख दिया इंतज़ार जिंदगी में,
तुने करके इकरार, फिर कर दिया इन्कार हंसी-हंसी में...



कोई शाम,कोई सुबह, कोई दिन,कोई रात तुझको याद ना किया हो ऐसा आया नहीं,
एक पल हो जब कभी तुझको भुलाके मैं जी भी शका हूँ ऐसा आया नहीं,
तुने पेहले करके बहार,फिर भर दी गम की फुहार कली-कली में,
तुने करके इकरार, फिर कर दिया इन्कार हंसी-हंसी में...

मैं खुश हुँ आज तुमको जो चाहा मिल गया, तेरे दिल ने जैसा चाहा ऐसा साथी मिल गया,
तेरी आँखों में आँसु कभी भी ना आये, मेरी तो ये दुआ है की तु सदा मुस्कुराये,
तुने करके प्यार की बरसात, फिर दे दिया अश्को का हार ख़ुशी-ख़ुशी में,
तुने करके इकरार, फिर कर दिया इन्कार हंसी-हंसी में...

अगर कभी जीवन में ऐसा मोड़ आये, अगर कभी तेरा दिल मेरी जरुरत पाये,
तु हमे बुलाना, हम चले आयेंगे, तेरी खुशियों के खातिर तु कहे वो कर जायेंगे,
तुने देके हाथो में हाथ, फिर छोड़ दिया मेरा साथ बीच गली में,
तुने करके इकरार, फिर कर दिया इन्कार हंसी-हंसी में... 

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