Friday, March 11, 2022

आ जाऊँगा...


कभी बेहते हुए बादल में मुझे देख लेना,

कभी रात को निकलते हुए चाँद में मुझे देख लेना,

मैं रहूंगा हर जगह तेरे आस-पास,

कभी आँख बंध करके अपने आप में मुझे देख लेना,

आ जाऊँगा, कभी एक बार बस मन से पुकारके मुझे देख लेना ...


कभी तेरी यादों में, कभी तेरी बाहों में, कभी तेरी झुल्फों से छूती हुई हवाओं में,

कभी तेरी बातों में, कभी तेरी साँसों में, कभी तेरे दिल से निकलती हुई सदाओं में,

मैं रहूंगा हर जगह तेरे आस-पास,

कभी आँख बंध करके अपने आप में मुझे देख लेना,

आ जाऊँगा, कभी एक बार बस मन से पुकारके मुझे देख लेना ...


कभी तेरी धड़कनों में, कभी तेरे ख्यालों में, कभी तेरे साथ साथ चलते हुए रास्तों में,

कभी तेरी तन्हाई में, कभी तेरी पड़छाई में, कभी तेरे नींद में आते हुए सुनेहरे ख्वाबो में,

मैं रहूंगा हर जगह तेरे आस-पास,

कभी आँख बंध करके अपने आप में मुझे देख लेना,

आ जाऊँगा, कभी एक बार बस मन से पुकारके मुझे देख लेना ... 

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