Sunday, February 21, 2016

शायद उस प्यार से आज हमारी बात हो...



जिसका हमे बरसो से इंतज़ार है,शायद आज ही वो मुलाक़ात हो,
जो हमारे दिल में छुपा प्यार है,शायद उस प्यार से आज हमारी बात हो...

कितना तड़पे है हम उसके लिए,
उसको क्या पता, उसको क्या खबर,
कितना धड़के है दिल उसके लिए,
इसकी क्या उसको भी होगी कदर,
जिसके लिए ये मन बेकरार है,शायद आज वो हमारे पास हो,
जो हमारे दिल में छुपा प्यार है,शायद उस प्यार से आज हमारी बात हो...

रब ने न जाने क्यों ऐसा किया,
दो दिलो का मिलना वक़्त पे छोड़ दिया,
वो वहां क्या जाने क्या बेचैनी होती है,
उसने तो बस प्यार को दिल से जोड़ दिया,
जो हमारे ख्वाबो में बसा यार है, शायद उसका मेरे हाथो में आज हाथ हो,
जो हमारे दिल में छुपा प्यार है,शायद उस प्यार से आज हमारी बात हो...

मेरी तरह क्या वो भी सोचती होगी,
हर आहट पे वो झट से जागती होगी,
तकिये को छुपके अपनी बाहों में,
वो भी रातो को ऐसे ही सोती होगी,
जो जिंदगी का होनेवाला दिलदार है,शायद उससे रोशन आज हमारी रात हो,
जो हमारे दिल में छुपा प्यार है,शायद उस प्यार से आज हमारी बात हो... 

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