Saturday, January 16, 2016

31 दिसम्बर की रात




31 दिसम्बर की रात , इस रात की थी कुछ अलग ही बात...

नौवजवान दोस्तों और कपल्स ,
निकल पड़े थे सब हाथो में लेके हाथ,
जहाँ देखो वहा बस भीड़ जमा थी,
हर रेस्टोरेंट , हर गार्डन में मेहफिल जवाँ थी,
कोई झूम रहे थे, कोई नाच रहे थे,
तो कोई बस देखने की ही मज़ा ले रहे थे,

जहाँ देखो वहां खूबसूरत लडकियां थी,
सर्दी की रात में जैसे उठती हुई चिनगारियाँ थी,
आज तो वो  बहोत ही बन-थन के निकली थी,
मानो जैसे हर जगह बिजली ही बिजली थी,

कही पे DJ रखा था तो कही पे ढोल-मंजीरा,
पर बस सब लोग मस्त  हो गए थे,
रोमांटिक जश्न में  सब भूल के खो गये थे,
फूटपाथ पे सब लोग पिकनिक मना रहे थे,
अंताक्षरी खेलके मौसम को रंगीन बना रहे थे,

कितने लोग तो शाम से ही निकल चुके थे,
टिकट तो पहले से ही बुक करवा चुके थे,
पार्टी के शोरगुल में सारा जहां खोया था,
तो कोई बस इन सब से परे रोज की तरह सोया था,

हमने तो चिल सर्दी में आइस डिश खाई,
और हमारी स्वीटहार्ट के साथ नये साल की घड़ियाँ बिताई ,

नाचते-कूदते ना जाने कब बारह बज गए,
हर तरफ बस पटाखे ही पटाखे जल गए,
सारा आसमान चमक उठा रोशनी  के संग,
जैसे चाँद कर रहा हो डांस चांदनी के संग,

कितने  चल पड़े अब घर की और,
बस गाड़ियों की कतार थी और हॉर्न का था शोर,
बस ऐसा था माहौल नए साल के आने का,
सब का अलग अंदाज़ था जश्न मनाने का,

आपकी हर ख्वाहिश हो पूरी,
नए साल में आपके सपनो को मंजिल मिले,
ना रहे किसी के भी दिल में गीले-सिक्वे,
बस हर तरफ प्यार ही प्यार के फूल खिले... 

No comments:

Post a Comment