कितनी नज़दीकया है, कितनी दूरिया है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
हमने मेहसूस कर ली खुशबु तुम्हारी,
तुमने छुली नजरो से नजरे हमारी,
फिर भी लबों पे छाई क्यूँ खामोशियाँ है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
मेरे दिल ने सुन ली धड़कने तुम्हारी,
तेरे दिल ने सुन ली धड़कने हमारी,
दो दिलों के बीच ये कैसी मजबूरिया है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
यूँ वक़्त के आगोश में खो गए हम-तुम,
बिन बोले आँखों से सब केह गये हम-तुम,
अनजाने में दोनों से हुई गुश्ताखियाँ है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
हमने मेहसूस कर ली खुशबु तुम्हारी,
तुमने छुली नजरो से नजरे हमारी,
फिर भी लबों पे छाई क्यूँ खामोशियाँ है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
मेरे दिल ने सुन ली धड़कने तुम्हारी,
तेरे दिल ने सुन ली धड़कने हमारी,
दो दिलों के बीच ये कैसी मजबूरिया है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
यूँ वक़्त के आगोश में खो गए हम-तुम,
बिन बोले आँखों से सब केह गये हम-तुम,
अनजाने में दोनों से हुई गुश्ताखियाँ है,
पास होके भी न जाने क्या दरमिया है...
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