Saturday, January 23, 2016

Rikshaw stand की कहानी...




कल खड़ा था रस्ते पे मैं तो घर जाने के लिए,
कर रहा था इंतज़ार कोई Rikshaw का आने के लिए,
पैर मैंने वहा पे  क्या देखा यार ,
थोड़ी सी दूर एक मस्त लड़की भी खड़ी थी यार,
लगता था वोह भी Rikshaw  का ही कर रही थी इंतज़ार,
T-shirt और Jeans में वोह तो cute लग रही थी,
लटकते हुए purse पे उसके बाल बिखरे थे,
पैरो में उसने ऊँची हील के जुटे पहने थे,
अब तो मैंने सोचा मेरी Rikshaw  आये तो भी  ना बैठु,
बस जब तक वोह ना जाये बस उसको ही देखु ,
वोह जहाँ से दिखे ऐसे मैंने खुदको सेट कर दिया,
साइट पे जाके मैंने खुदको कोने में फिट कर लिया,
बस अब वोह मेरी नज़रो के बिलकुल सामने थी,
जैसे..,
मैं यहां तू वहाँ , ज़िन्दगी है यहां,
ऐसे ही मैं रहु , तू रहे बस वहां,
तुझको Rikshaw  मिले, करता मैं तो दुआ,
इतने में एक Rikshaw  आयी पर उसने पूछा नहीं,
मेरे लिए तो अच्छा है की अभी भी वोह थी वही,
पर अब मुझे शक हुआ की शायद ये लव की तो बात नहीं,
जैसा मैंने सोचा यार , वही बात निकली सही,
इतने में एक लड़का आया, वोह तो झट से बाइक पे बैठ गइ ,
मैं उसको देखता रहा ,वोह तो पल में रफू-चक्कर हो गई ,
ठीक है चलो थोड़ा time-pass तो हुआ,
मेरी आँखों को थोड़ा Rose-water तो मिला,
फिर क्या हुआ वोह बहुत दुःख भरी दास्तान थी,
मैंने अब तक कितनी Rikshaw  छोड़ी थी,
अब एक भी नहीं मिल रही थी,
एक घंटे के बाद घर पहुंचा,
थका थका सा,बस थोड़ी सी चाय पीली,
पर सफर की कुछ यादें तो हसीन थी,
क्यूंकि पहली बार हमने बहोत ही fielding भरी थी... 



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