अपने बढ़ते हुए कदमो को रोक लो,
अपनी जाती हुई पड़छाई को रोक लो,
प्यार की रुत में आती हुई तन्हाई को रोक लो,
इन आँखों से बेहते हुए आंसू को रोक लो,
इन धड़कन की लय को थमते हुए रोक लो,
इन साँसों की बहार को रुकते हुए रोक लो,
हमारे रिश्ते को तूटते हुए रोक लो,
बंधन की रेशमी डोर को छुट्ते हुए रोक लो,
इतना फांसला तय कर लिया है,
अब खुद को वापस जाते हुए रोक लो,
तुम्हारी मंजिल तुम्हारे सामने ही है,
अब खुद को रास्ता बदलते हुए रोक लो,
इतनी जल्दी किया नहीं जाता कोई फैसला,
अपने आपको ये फैसला करते हुए रोक लो..
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